Dhanteras 2025: धनतेरस पर कैसे करें भगवान धन्वंतरि और कुबेर की पूजा, यह रही पूरी विधि
- byShiv
- 17 Oct, 2025

इंटरनेट डेस्क। दीपावली पर्व की शुरूआत धनतेरस से होती है। जिसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है। यह दिन आरोग्य, आयु और समृद्धि का प्रतीक माना गया है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इसी दिन समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इस दिन उनकी विशेष पूजा का विधान है। धनतेरस के अवसर पर धन के देवता कुबेर और मृत्यु के देवता यमराज की आराधना भी की जाती है।
ऐसे करें भगवान धन्वंतरि की पूजा
धनतेरस के दिन प्रदोष काल में धन्वंतरि की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें। आरोग्य की उत्तर-उत्तर-पूर्व दिशा में धनवंतरि की आराधना करने से उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। दीपोत्सव के इन पांच दिनों में प्रथम पूज्य गणेशजी के साथ ही धनाधिपति कुबेर और देवी लक्ष्मी की पूजा का विधान भी है। दीपक रखने से पूर्व खील या चावल रखकर उसके ऊपर दीपक जलाएं। अब एक कलश में शुद्ध जल लेकर सभी देवताओं को आचमन कराएं और फिर रोली, कुमकुम, हल्दी, गंध, अक्षत, पान, पुष्प, नैवेद्य या मिष्ठान, फल, दक्षिणा आदि उन्हें अर्पित कर प्रणाम करें और अपने रोगों के नाश की कामना करें।
इस मंत्र का जाप करें
परिवार में दीर्घायु और आरोग्यता बनी रहे इसके लिए पूजा के दौरान ॐ नमो भगवते धन्वंतराय विष्णुरूपाय नमो नमः मंत्र का उच्चारण करते रहें।
समृद्धि के लिए भगवान कुबेर की पूजा
धन के देवता कुबेर को आसुरी शक्तियों का हरण करने वाला देवता भी माना गया है। इस दिन सांयकाल में उत्तर दिशा में कुबेर यंत्र को स्थापित कर उन पर गंगाजल छिड़क कर रोली, चावल से तिलक करें, पुष्प चढ़ाएं और दीप जलाकर भोग लगाएं और इस मंत्र का जाप करें।
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये। धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥
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