Jharkhand Assembly Elections: हेमंत सोरेन के इन दावों के आगे पिछड़ी भाजपा, झारखंड में सरकार बनाने का सपना रह गया अधूरा

इंटरनेट डेस्क। झारखंड में भाजपा को बड़ा झटका लगा हैं, यहा सरकार बनाने का सपना देख रही भाजपा को हेमंत सोरेन ने अपनी राजनीति के दम पर घुटने टेकने को मजबूर कर दिया है। यहां जेएमएम 51 सीटों के साथ आगे हैं तो वहीं भाजपा 29 सीटों पर ही अटक चुकी है। ऐसे में एक बार फिर से यहां झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार बनती दिख रही है। अगर हेमंत सोरेन दोबारा सरकार बनाने में कामयाब रहते हैं तो उनके लिए ये बड़ी उपलब्धि होगी और इससे उनका राजनीति कद बढ़ेगा। तो जानते हैं इस जीत के फैक्टर्स क्या हैं?

आदिवासी सीटों पर हेमंत की पकड़
झारखंड में आदिवासियों की आबादी 26 फीसदी ज्यादा है, कई विधानसभा सीटों पर आदिवासियों की संख्या 40 फीसदी से भी ज्यादा है, इस चुनाव का परिणाम दर्शाता है कि आदिवासियों ने एक बार फिर हेमंत सोरेन पर विश्वास दिखाया है, दरअसल, बीजेपी के पास हेमंत सोरेन के मुकाबले का कोई आदिवासी बड़ा नेता नहीं है, चंपई सोरेन भले ही बीजेपी में आ गए, इसके अलावा हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन भी बीजेपी के साथ हो गईं, लेकिन आदिवासियों को इनका पाला बदलना पसंद नहीं आया।

मुस्लिम-यादव सीटों पर बंपर जीत 
आदिवासियों के अलावा झारखंड में मुस्लिम और यादव बाहुल वाली सीट पर कॉम्बिनेशन बनने से जेएमएम गठबंधन को कामयाबी मिलती दिख रही है। झारखंड के 10 से ज्यादा ऐसी सीटें हैं, जहां इनकी आबादी 50 फीसदी से भी ज्यादा है, इन सीटों में इंडिया गठबंधन को फिलहाल मजबूत बढ़त है। साथ ही बीजेपी कई नेताओं ने झारखंड में बंटेंगे तो कटेंगे का नारा दिया, लेकिन धु्रवीकरण नहीं हुआ।

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