PM Kusum Yojana: जानें कैसे ये योजना किसानों को पहुंचाएगी फायदा, फ्री में ही मिल जाएगी बिजली
- byShiv
- 30 Dec, 2024

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कुसुम योजना सोलर प्लांट लगाकर अच्छी खासी कमाई करने का बेहतरीन मौका है। मोहन यादव की अगुआई वाली मध्य प्रदेश सरकार ने इसी उद्देश्य से इस योजना की शुरुआत की थी जिसके तहत सोलर प्लांट से पैदा होने वाली बिजली जनता से खरीदी जाएगी। प्लांट लगाने के लिए 30 प्रतिशत तक की सब्सिडी सरकार द्वारा ही दी जाती है।
फिलहाल मध्य प्रदेश अक्षय ऊर्जा स्रोतों से 7 हजार मेगावाट बिजली पैदा कर रहा है। यह राज्य की कुल ऊर्जा क्षमता का 21 प्रतिशत है। इसे वर्ष 2030 तक 50 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य है। इसके लिए आम नागरिकों के साथ-साथ निजी उद्यमों को भी सरकार प्रेरित कर रही है।
कोई भी व्यक्ति पीएम कुसुम योजना के लिए आवेदन कर सकता है, बशर्ते उसकी आयु कम से कम 18 वर्ष हो। आपको जानकारी के लिए बता दें कि 0.5 मेगावाट से 2 मेगावाट तक की क्षमता वाले सोलर प्लांट कृषि में सिंचाई के लिए हैं। क्षमता को भूमि के हिसाब से ऊपर या नीचे समायोजित किया जा सकता है। यदि कोई संगठन प्लांट इनस्टॉल करता है, तो उसकी नेटवर्थ 1 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट होनी चाहिए, हालांकि निजी निवेश के लिए नेटवर्थ की आवश्यकता नहीं होती है।
पीएम कुसुम योजना के तीन भाग
इसके अलावा आपको ये जान लेना चाहिए कि पीएम कुसुम योजना में तीन घटक हैं। भाग ए में 10,000 मेगावाट की विकेन्द्रीकृत अक्षय ऊर्जा सुविधाएं स्थापित की जाएंगी। ये अविकसित भूमि पर स्थित होंगी और ग्रिड से जुड़ेंगी। किसानों, सहकारी समितियों, ग्राम पंचायतों, जल उपयोगकर्ता संघों (डब्ल्यूयूए) और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को भी ग्रिड के लिए सब्सिडी मिलेगी।
भाग बी में किसानों को सौर ऊर्जा से चलने वाले कृषि पंप स्थापित करने के लिए 17.50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता मिलेगी। वे इसके अतिरिक्त 7.5 एचपी तक की क्षमता वाले डीजल कृषि पंपों को सौर ऊर्जा से चलने वाले पंपों में बदल सकते हैं। इससे अधिक क्षमता के लिए कोई सब्सिडी नहीं दी जाएगी।
खंड सी में 10 लाख सौर प्रतिष्ठानों की स्थापना के लिए सब्सिडी दी जाएगी। बिजली वितरण कंपनियां सौर सुविधाओं से उत्पन्न बिजली को पूर्व निर्धारित दर पर खरीदेंगी।