Premanand Ji Maharaj: शाम किस समय नहीं करना चाहिए आपको ये काम, खुद प्रेमानंद जी ने बताई पूरी...
- byShiv
- 31 Oct, 2025
इंटरनेट डेस्क। शाम के समय जब सूरज ढ़लता हैं और मंदिर में पूजा होती हैं तो घर के बुर्जग हमें कई काम करने से मना करते है। कहते है इस समय कुछ नहीं खाना चाहिए, लेकिन क्या कभी सोचा है कि इसके पीछे वजह क्या है? हमारे ऋषि-मुनियों ने सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक कारणों से भी कुछ समय को बेहद खास बताया है. इन्हीं में से एक समय है संध्या का वो 48 मिनट, जिसके बारे में प्रेमानंद महाराज ने बड़ी खूबसूरती से समझाया है।
क्या कहते हैं प्रेमानंद जी?
प्रेमानंद जी ने बताया कि संध्या का समय सिर्फ पूजा-पाठ के लिए नहीं बल्कि आत्मशुद्धि का समय है। इस दौरान शरीर, मन और आत्मा तीनों को शांत करने का अवसर मिलता है, अगर कोई व्यक्ति इस समय का सही उपयोग कर ले, तो जीवन में शांति और सकारात्मकता अपने आप बढ़ने लगती है।
संध्या का महत्व क्या है?
प्रेमानंद महाराज बताते हैं कि जब सूर्य अस्त होने लगता है, तब धरती पर ऊर्जा का एक परिवर्तन होता है, दिन की तेज ऊर्जा धीरे-धीरे शांत होती है और रात की स्थिर ऊर्जा प्रवेश करती है, इस समय शरीर का पाचन तंत्र भी धीमा होने लगता है, इसलिए अगर हम इस वक्त भोजन करते हैं, तो भोजन ठीक से पच नहीं पाता और शरीर में आलस्य या बेचौनी बढ़ सकती है।
शाम के वो 48 मिनट क्यों खास हैं?
महाराज जी के अनुसार, सूर्यास्त से 24 मिनट पहले और 24 मिनट बाद, ये कुल 48 मिनट का समय संध्या का माना गया है, ये काल बहुत पवित्र होता है, इस दौरान भोजन, संभोग या किसी भी भौतिक कार्य को टाल देना चाहिए।
pc- parbhat khabar





