लंबे समय के लिए तैयार कर लें अपने गर्म कपड़े, क्योकिं सर्दी को लेकर भी अब हो गई है ऐसी भविष्यवाणी
- byShiv
- 06 Sep, 2024

PC: tv9hindi
अपने स्वेटर, जैकेट, मफलर और शॉल निकालने के लिए तैयार हो जाइए क्योंकि इस बार सर्दी सामान्य से ज़्यादा तेजऔर लंबी होने की उम्मीद है। मौसम विशेषज्ञों ने संकेत दिया है कि ला नीना उम्मीद से पहले सक्रिय हो सकता है, जिससे हवा में नमी बढ़ेगी और तापमान में गिरावट आएगी।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, चालू मानसून, जो फिर से सक्रिय हो गया है, अक्टूबर तक जारी रहने की संभावना है, जिससे सर्दियों का पैटर्न भी प्रभावित होगा। हाल के हफ़्तों में, मौसम में महत्वपूर्ण बदलाव देखे गए हैं। जुलाई के अंत और अगस्त की शुरुआत में भीषण, उमस भरी गर्मी रही, जिसे बाद में मानसून की बारिश से राहत मिली।
जबकि कुछ क्षेत्रों में भयंकर बाढ़ आई, जबकि अन्य सूखे से पीड़ित थे। मानसून के मौसम के दौरान भी, जम्मू और कश्मीर में गर्मी का असर जारी रहा। हाल ही में, लोग नमी से जूझ रहे थे, लेकिन मानसून के फिर से सक्रिय होने से तुरंत राहत मिली और मौसम ठंडा हो गया।
ला नीना क्या है?
ला नीना प्रशांत महासागर में एक समुद्री-वायुमंडलीय घटना है, जहां समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से ठंडा हो जाता है, जिससे वातावरण में नमी बढ़ जाती है। यह नमी हवा को ठंडा करती है, जिससे हवाएँ ठंडे तापमान को ले जाती हैं। ये हवाएँ सर्दी को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हैं। ला नीना, जिसका स्पेनिश में अर्थ है "छोटी लड़की", को "एक शीत घटना" के रूप में भी जाना जाता है। यह तब होता है जब पूर्वी प्रशांत महासागर में समुद्र का तापमान सामान्य स्तर से नीचे चला जाता है। इस घटना के परिणामस्वरूप बाढ़, सूखा, वर्षा के विभिन्न स्तर और यहाँ तक कि भूस्खलन भी हो सकते हैं।
बारिश के कारण सर्दियां होंगी लंबी
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि ला नीना के जल्दी सक्रिय होने से सर्दी का मौसम लंबा हो सकता है। आम तौर पर, सितंबर की शुरुआत में मानसून कमजोर पड़ने लगता है और महीने के मध्य तक पीछे हट जाता है। हालाँकि, हाल ही में हुई बारिश से संकेत मिलता है कि मानसून फिर से सक्रिय हो गया है। आईएमडी का अनुमान है कि बारिश का यह पैटर्न अक्टूबर तक जारी रहेगा। जैसे-जैसे बारिश जारी रहेगी, ठंड का तापमान पहले ही बढ़ जाएगा, जिससे सर्दी बढ़ जाएगी।
रिकॉर्ड तोड़ गर्मी के बाद भारी बारिश
इस साल भीषण गर्मी पड़ी, तापमान रिकॉर्ड स्तर तक पहुँच गया। लोगों ने मई और जून के दौरान भीषण गर्मी झेली, जिसके परिणामस्वरूप कई मौतें हुईं। हालांकि, मानसून के आगमन से गर्मी से राहत मिली, लेकिन गुजरात, महाराष्ट्र, केरल, बिहार, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों में भीषण बाढ़ भी आई। अगस्त में कई इलाकों में भारी बारिश हुई। सितंबर की शुरुआत होते ही मानसून फिर से सक्रिय हो गया, जिससे और अधिक बारिश हुई। आईएमडी को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में भी यह सिलसिला जारी रहेगा।