प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती पर उन्हें याद करते हुए लिखी यह बातें

मोदी जी ने लिखा कि 1998 में जब अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली, तब देश राजनीतिक अस्थिरता के दौर से गुजर रहा था। उन्होंने मजबूत और प्रभावी शासन देकर देश को स्थिरता दी। उनकी सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी, टेलीकॉम और संचार के क्षेत्र में बड़ा योगदान दिया। अटल जी के नेतृत्व में शुरू हुआ "गोल्डन क्वाड्रिलैटरल प्रोजेक्ट" और "प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना" आज भी उनके दूरदर्शी दृष्टिकोण का उदाहरण हैं।

शिक्षा और सामाजिक सुधार:
प्रधानमंत्री ने "सर्व शिक्षा अभियान" का उल्लेख करते हुए कहा कि अटल जी ने आधुनिक शिक्षा को गरीब और पिछड़े वर्गों तक पहुंचाने का सपना देखा। उनकी सरकार ने कई आर्थिक सुधार किए, जिसने देश की प्रगति का आधार तैयार किया।

पोखरण परमाणु परीक्षण:
1998 में पोखरण में किए गए परमाणु परीक्षण अटल जी की नेतृत्व क्षमता का प्रमाण हैं। अंतरराष्ट्रीय दबाव और प्रतिबंधों के बावजूद, उन्होंने भारत की संप्रभुता को सर्वोपरि रखा।

संविधान और लोकतंत्र की रक्षा:
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अटल जी ने संविधान की रक्षा के लिए अपनी पार्टी जनसंघ को जनता पार्टी में विलय कर दिया। आपातकाल के दौरान उनके नेतृत्व ने लोकतंत्र को मजबूत किया।

अटल जी की साहित्यिक प्रतिभा:
अटल बिहारी वाजपेयी केवल एक नेता नहीं, बल्कि एक कवि और लेखक भी थे। उनकी कविताएं और लेखन आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं। संयुक्त राष्ट्र में हिंदी में भाषण देने वाले वह पहले भारतीय नेता थे, जिससे उन्होंने भारत की संस्कृति और पहचान को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत किया।

बीजेपी के प्रति योगदान:
प्रधानमंत्री ने कहा कि अटल जी ने भारतीय जनता पार्टी की नींव रखी और इसे एक मजबूत वैकल्पिक शक्ति के रूप में स्थापित किया। उन्होंने हमेशा विचारधारा को सत्ता से ऊपर रखा।

श्रद्धांजलि और संकल्प:
प्रधानमंत्री ने लिखा, "उनकी 100वीं जयंती पर हम उनके आदर्शों को आत्मसात करने और उनके दृष्टिकोण को साकार करने का संकल्प लें। अटल जी का अडिग विश्वास हमें उच्च लक्ष्यों को प्राप्त करने और राष्ट्र के लिए काम करने के लिए प्रेरित करता रहेगा।" 

 

 

 

 

 

PC - AAJ TAK