PM Vishwakarma Yojana Benefits: सरकार इस योजना में रोजाना देती है ₹500, बिना गारंटी मिलता है ₹3 लाख तक का लोन — जानिए कौन उठा सकता है लाभ
- byrajasthandesk
- 12 May, 2025

देश में कई लोग पारंपरिक व्यवसाय जैसे लोहे का काम, जूता बनाना, दर्जी का काम या सुनार का पेशा करते हैं। इन पारंपरिक व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने 2023 में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की थी।
इस योजना के तहत सरकार इन लोगों को आर्थिक सहायता, ट्रेनिंग, टूल किट और बिना गारंटी के लोन भी देती है।
🛠️ क्या है पीएम विश्वकर्मा योजना?
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना (PMVKSY) एक स्कीम है जो 18 पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े लोगों को आर्थिक और तकनीकी सहयोग देती है।
इस योजना में लाभार्थियों को:
- 15 दिन की स्किल ट्रेनिंग दी जाती है
- हर दिन के लिए ₹500 स्टाइपेंड दिया जाता है
- ट्रेनिंग पूरी होने पर ₹15,000 की टूलकिट राशि दी जाती है
इसका उद्देश्य पारंपरिक पेशों को पुनर्जीवित करना और आत्मनिर्भरता बढ़ाना है।
💰 बिना गारंटी मिल रहा है ₹3 लाख तक का लोन
इस योजना की सबसे खास बात यह है कि इसके तहत कोई गारंटी नहीं मांगी जाती। लाभार्थी को:
- पहली किश्त में ₹1 लाख तक का लोन
- दूसरी किश्त में ₹2 लाख का लोन (पहला चुकाने के बाद)
इस तरह कुल ₹3 लाख तक की वित्तीय मदद मिल सकती है जिससे वे अपने काम को आगे बढ़ा सकें।
👨🔧 किन लोगों को मिलेगा फायदा?
इस योजना का लाभ इन व्यवसायों से जुड़े लोगों को मिलेगा:
- लोहार
- कुम्हार
- दर्जी
- धोबी
- सुनार
- राजमिस्त्री
- मोची
- बाल काटने वाले
- गुड़िया और खिलौना निर्माता
- मूर्तिकार
- हथियार बनाने वाले
- टोकरी, झाड़ू और चटाई बनाने वाले
- जाल बुनने वाले
- ताला बनाने वाले
- औजार और टूल बनाने वाले
- फूलों की माला बनाने वाले
अगर आप इनमें से किसी पेशे से जुड़े हैं, तो आप आवेदन कर सकते हैं।
📝 आवेदन कैसे करें?
आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करें:
🔗 www.pmvishwakarma.gov.in
आपको आधार लिंक्ड मोबाइल नंबर, बैंक डिटेल्स और व्यवसाय प्रमाण देना होगा।
📊 योजना की मुख्य बातें:
लाभ | विवरण |
---|---|
ट्रेनिंग अवधि | 15 दिन |
रोजाना स्टाइपेंड | ₹500 |
टूल किट राशि | ₹15,000 |
लोन सुविधा | ₹3 लाख तक (बिना गारंटी) |
योग्य व्यवसाय | 18 पारंपरिक पेशे |
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना एक बेहतरीन पहल है जो देश के पारंपरिक कारीगरों को सम्मान, कौशल और आर्थिक आत्मनिर्भरता दिलाने के उद्देश्य से शुरू की गई है। यदि आप इस पेशे से जुड़े हैं तो जरूर इसका लाभ उठाएं — सरकार से आर्थिक सहायता लेकर अपने हुनर को पहचान दें।