Bhai Dooj 2025: आज भाई दूज के दिन बन रहा हैं ये शुभ योग, जाने तिलक के लिए कौनसा चौघड़िया रहेगा श्रेष्ठ

इंटरनेट डेस्क। पंच पर्व दीपावली का पांचवा त्योहार भाई दूज आज देशभर में मनाया जा रहा है। हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। यह दिन भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करने का प्रतीक है। इस दिन बहन अपने भाई के माथे पर तिलक करती हैं। इस साल यह पर्व 23 अक्तूबर यानी के आज है। इस बार भाई दूज पर पंचांग के 27 योगों में से एक अहम योग आयुष्मान योग बन रहा है। यह योग स्वास्थ्य, दीर्घायु और समृद्धि प्रदान करने वाला माना गया है।

माना जाता हैं शुभ संयोग
ज्योतिषविदों के अनुसार आयुष्मान योग के प्रभाव से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और रोग-शोक दूर होते हैं। आयुष्मान योग का बनना अत्यंत शुभ संयोग माना जा रहा है। यह योग भाइयों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। यह योग उनके जीवन में स्वास्थ्य, सुख और सफलता के द्वार खोलता है। इस बार कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि 22 अक्तूबर को रात 8 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगी और 23 अक्तूबर की रात 10.46 बजे तक रहेगी।

भाई दूज पर टीका करने के मुहूर्त 
सुबह 6 बजकर 26 मिनट से 7 बजकर 51 मिनट के बीच शुभ चौघड़िया,सुबह 10 बजकर 39 मिनट से दोपहर 1 बजेकर 27 मिनट तक चर और लाभ चौघड़िया का श्रेष्ठ मुहूर्त, किसी कारणवश दिन में अपने भाई को टीका ना कर पाएं तो शाम 4 बजकर 16 मिनट से रात 8 बजकर 52 मिनट के बीच शुभ अमृत और चर और लाभ चौघड़िया तीनों मुहूर्त उपस्थित रहेंगे। इसलिए शाम 4 बजकर 16 मिनट से रात 8 बजकर 52 मिनट के बीच भी बहनें अपने भाई को टीका कर सकती हैं।

पूजा विधि
पूजा के लिए आसन पर चावल का घोल फैलाकर चौक बनाया जाता है और भाई को उस पर बिठाकर पूजा की जाती है। बहन भाई के हाथों पर चावल का घोल, सिंदूर, फूल, पान और सुपारी रखती हैं। फिर “गंगा पूजा यमुना को, यमी पूजे यमराज को” मंत्र बोलते हुए तिलक किया जाता है। इसके बाद भाई के हाथ में कलावा बांधकर उसे मिठाई खिलाई जाती है। ऐसा करने से कहा जाता है कि भाई की उम्र लंबी होती है और उसके जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं। भाई भी बहन को उपहार देते हैं।

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