CJI Chandrachud: भावुक हुए डीवाई चंद्रचूड, कहा- हम प्रवासी पक्षी की तरह, अपना काम करते हैं और चले जाते हैं

इंटरनेट डेस्क। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की बेंच में उनका आखिरी कार्यदिवस था, वैसे उनका रिटायरमेंअ 10 नवंबर को है। लेकिन अपने आखिरी कार्यदिवस के दिन वो भावुक हो गए। इस दौरान उन्होंने अपनी विदाई टिप्पणी में ज्यूडिशियल सिस्टम में अपनी लंबी यात्रा के लिए आभार जताया। उन्होंने कहा कि हम यहां तीर्थयात्री की तरह हैं। थोड़े समय के लिए प्रवासी पक्षी की तरह, अपना काम करते हैं और चले जाते हैं।

संजीव खन्ना के प्रति गहरा विश्वास है
मीडिया रिपोटर्स की माने तो चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ कोर्ट नंबर एक के बेंच में बैठे और कई फैसले भी दिए। इसके बाद उन्होंने कहा कि आगामी चीफ जस्टिस संजीव खन्ना के प्रति गहरा विश्वास है। जस्टिस खन्ना 11 नवंबर को चीफ जस्टिस के तौर पर शपथ ले रहे हैं। उन्होंने अपनी विदाई टिप्पणी में कहा कि हमारा काम संस्थान में अपनी छाप छोड़ना होता है। यहां कई महान जस्टिस आए और अपनी जिम्मेदारी निभाई और फिर अपनी अगली पीढ़ी को जिम्मेदारी दे गए। 

मेरे जाने से अदालत पर कोई असर नहीं होगा
मीडिया रिपोटर्स की माने तो उन्होने यह भी कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि यहां से उनके जाने से अदालत पर कोई असर नहीं होने वाला है। मुझे यह भी पता है कि मेरे जाने के बाद जो जस्टिस आने वाले हैं वह बेहद गरिमापूर्ण व सशक्त व्यक्तिगत के धनी हैं। जस्टिस खन्ना हर दृष्टिकोण के प्रति जागरुक रहते हैं। इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस वक्त कुछ कहना कठिन है, लेकिन इतना कहना चाहता हूं कि कभी ऐसा संकोच नहीं हुआ कि हम अपनी बात नहीं रख पाए। चीफ जस्टिस ने हमेशा ज्यूडिशियल परिवार के कर्ता के रूप में अपना रोल निभाया।

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