Govardhan Puja 2024: जाने क्यों मनाया जाता हैं गोवर्धन पूजा का पर्व और कैसे हुई थी इसकी शुरूआत

इंटरनेट डेस्क। आज देशभर में गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जा रहा है। यह पर्व पूर्ण रूप से भगवान कृष्ण को समर्पित है। इस दिन भाव के साथ पूजा-पाठ करते हैं उन्हें धन, सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। पंचांग के अनुसार, आज कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि रात्रि 08 बजकर 31 मिनट तक रहेगी। 

गोवर्धन पूजा 2024 तिथि 

गोवर्धन पूजा दिवाली के अगले दिन मनाई जाती है, लेकिन पंचांग के अनुसार यह त्योहार कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा तिथि को होती है। इस साल प्रतिपदा तिथि 1 नवंबर 2024 को शाम 6 बजकर 16 मिनट से शुरू होगी, जिसका समापन 2 नवंबर को रात 8 बजकर 21 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार शनिवार 2 नवंबर के दिन गोवर्धन पर्व मनाया जाएगा। गोवर्धन पूजा का पर्व भगवान श्रीकृष्ण गोवर्धन पर्वत और इंद्र देव से जुड़ा है। धार्मिक कथाओं के अनुसार, इस पर्व की शुरुआत श्रीकृष्ण ने ही की थी। गोवर्धन के दिन गोबर से गौ माता, गोवर्धन पर्वत और कृष्ण के बाल स्वरूप की आकृति बनाकर पूजा की जाती है।

गोवर्धन पूजा की शुरुआत कैसे हुई 
गोवर्धन पूजा से जुड़ी कथा के अनुसार कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को भगवान कृष्ण ने इंद्रदेव के घमंड को चूर किया था। जब इंद्रदेव ने क्रोधित होकर अपना प्रकोप दिखाते हुए बृज में भारी वर्षा कराई तब श्रीकृष्ण ने अपनी कनिष्ठ अंगुली से गोवर्धन पर्वत छावनी बनाया और बृजवासियों की रक्षा की। इसके बाद से ही गोवर्धन पर्वत की पूजा करने की परंपरा की शुरुआत हुई।

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