Gratuity Calculation Formula: क्या होती हैं ग्रेच्युटी और कैसे होती हैं कैलकुलेट जान ले आप भी,आएगी बड़े ही काम

इंटरनेट डेस्क। आप नौकरी से रिटायर होते हैं तो आपको ग्रेच्युटी मिलती है। यानी के इसके नाम से पैसा मिलता है। एंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड की तरह ग्रेच्युटी में भी कर्मचारी और कंपनी का योगदान होता है। तो आज जानते हैं ग्रेच्युटी क्या होती हैं और कैसे इसे कैलकुलेट करते है। आइए जानते है। 

ग्रेच्युटी क्या होती है?
अगर आप एक लंबी नौकरी से रिटायर हो रहे हैं तो आप ग्रेच्युटी के हकदार हो जाते हैं और आपको पैसा मिलता है। हालांकि, 5 साल की सेवा अवधि को कम करके एक साल तक करने की बात कही जा रही है। ग्रेच्युटी आमतौर पर रिटायरमेंट के समय  मिलती है। लेकिन, अगर पांच साल बाद नौकरी छोड़ते या बदलते हैं, तो भी ग्रेच्युटी मिल जाएगी। अगर सर्विस के दौरान कर्मचारी की मृत्यु होती है या फिर वह दिव्यांग होता है, तो पांच साल कम सेवा पर भी ग्रेच्युटी मिल जाती है।

ग्रेच्युटी कैसे कैलकुलेट होती है?

ग्रेच्युटी कैलकुलेट करने का फॉर्मूला बड़ा आसान है,
कुल ग्रेच्युटी = (आखिरी बेसिक मंथली सैलरी) x (15/26) x (नौकरी के साल)।
मिसाल के लिए, आपने 2019 में नौकरी शुरू की और 2024 में रिजाइन कर दिया। रिजाइन के समय आपकी बेसिक मंथली सैलरी 50 हजार रुपये थी। तो आपकी ग्रेच्युटी की रकम ऐसे पता चलेगी।
50,000 x (15/26) x 5 = 1,44,230 रुपये
यहां गौर करने वाली बात यह है कि फरवरी को छोड़कर साल के बाकी सभी महीने 30 या 31 दिन के होते हैं। लेकिन, पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 के तहत चार साप्ताहिक छुट्टियों को वर्किंग डेज को 26 दिन तय किया गया है।

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