जीजा कैसे कर सकता है प्रॉपर्टी में खेल: जानें बहन के संपत्ति अधिकारों के कानूनी पहलू
- byTrainee
- 21 Dec, 2024
भारत में पारिवारिक संपत्ति को लेकर कानूनी नियम काफी संवेदनशील हैं, खासकर बहन की शादी के बाद। शादीशुदा बेटियों के संपत्ति अधिकार हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 के तहत सुरक्षित हैं, जिसमें 2005 के संशोधन के बाद बेटियों को पैतृक संपत्ति में बराबर का अधिकार मिला है। यह अधिकार शादी के बाद भी बरकरार रहता है, लेकिन संपत्ति की प्रकृति और कानूनी स्थिति के आधार पर भिन्न हो सकता है।
बहन के संपत्ति अधिकार:
- पैतृक संपत्ति में अधिकार:
- बेटी (शादीशुदा या अविवाहित) का पैतृक संपत्ति पर अपने भाइयों के समान अधिकार है।
- 2005 के संशोधन के बाद यह अधिकार बेटी के जन्म से ही लागू होता है।
- स्व-अर्जित संपत्ति में अधिकार:
- पिता द्वारा अर्जित संपत्ति पर बेटी का दावा तभी हो सकता है जब पिता ने वसीयत न बनाई हो।
- यदि वसीयत मौजूद है, तो संपत्ति का वितरण वसीयत के अनुसार होगा।
- शादी के बाद अधिकार:
- शादीशुदा बेटियों का भी पैतृक संपत्ति पर समान अधिकार है।
- अगर बहन खुद दावा न करना चाहे, तो पति (जीजा) के दबाव में यह दावा किया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले:
सुप्रीम कोर्ट ने कई बार स्पष्ट किया है कि 2005 के संशोधन के बाद बेटियों का संपत्ति पर अधिकार जन्म से लागू होता है। इस अधिकार को शादी के बाद भी छीना नहीं जा सकता।
विवादों से बचने के उपाय:
- शादी से पहले संपत्ति का बंटवारा और सभी सदस्यों के बीच समझौता करें।
- बहनों से लिखित अनापत्ति प्रमाण पत्र (No Objection Certificate) लें।
- संपत्ति विवाद से बचने के लिए कानूनी सलाहकार की मदद लें।
संपत्ति में जीजा का हस्तक्षेप कैसे रोका जाए?
- पारिवारिक चर्चा के दौरान सभी संपत्ति संबंधित मुद्दों का समाधान करें।
- शादी के बाद किसी भी दबाव में आकर गलत कदम उठाने से बचें।
- यदि संपत्ति को लेकर विवाद उत्पन्न हो, तो कोर्ट के माध्यम से समाधान खोजें।
निष्कर्ष:
भारतीय कानून ने बेटियों को पैतृक संपत्ति में समान अधिकार देकर समाज में उनकी स्थिति को सुदृढ़ किया है। शादीशुदा बेटी भी अपने हिस्से का दावा कर सकती है, बशर्ते संपत्ति पैतृक हो और उस पर कोई वसीयत लागू न हो।
DISCLAMER: इस न्यूज़ को इस https://pmsmahavidyalayaadmission.in/rights-of-brother-in-law-in-property/ वेबसाइट से लेके एडिट किया गया है।