IMD अलर्ट कैसे करता है मौसम की सटीक भविष्यवाणी? जानिए सैटेलाइट और रडार टेक्नोलॉजी का कमाल

भारत जैसे विविध जलवायु वाले देश में मौसम की सटीक जानकारी बेहद जरूरी होती है, खासकर जब बात चक्रवात, लू, भारी बारिश या बर्फबारी जैसी आपदाओं की हो। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) इसी काम में जुटा हुआ है—लोगों को समय रहते अलर्ट देना और उन्हें सुरक्षा उपायों के लिए जागरूक करना। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि IMD आखिर कैसे इतना सटीक अलर्ट देता है?

मौसम का डेटा कैसे इकट्ठा करता है IMD?

IMD अत्याधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग करके मौसम की जानकारी जुटाता है। इसके मुख्य साधन निम्नलिखित हैं:

  • सैटेलाइट सिस्टम: आसमान से पृथ्वी की स्थिति का निरीक्षण करने के लिए उपग्रह का प्रयोग किया जाता है। इससे बादलों की संरचना, चक्रवात की दिशा और वर्षा की संभावना का पता लगाया जाता है।
  • डॉपलर रडार: यह सिस्टम वायुमंडल में मौजूद जलकणों की मूवमेंट और तूफानों की गति को ट्रैक करता है। इससे बिजली, बादल गरजना, हवा की दिशा और स्पीड की जानकारी मिलती है।
  • मौसम गुब्बारे: यह गुब्बारे ऊंचाई पर जाकर हवा का तापमान, आर्द्रता, और हवा की दिशा जैसे डेटा को वापस भेजते हैं।
  • स्वचालित मौसम स्टेशन (AWS): ये स्टेशन देशभर में फैले होते हैं और स्थानीय तापमान, वायुदाब, हवा की गति और आर्द्रता जैसी जानकारी निरंतर भेजते हैं।
  • कंप्यूटर आधारित मौसम मॉडल: इकट्ठा किए गए सभी आंकड़ों को सुपरकंप्यूटर में डाला जाता है, जहां विभिन्न मौसम मॉडल उनकी प्रोसेसिंग करके आने वाले दिनों का पूर्वानुमान लगाते हैं।

अलर्ट कैसे दिए जाते हैं? (IMD Weather Alert Colour Code)

IMD मौसम के हिसाब से चार रंगों के अलर्ट जारी करता है, जो खतरे की गंभीरता को दर्शाते हैं:

रंगमतलब
ग्रीन अलर्टसब कुछ सामान्य, कोई खतरा नहीं
येलो अलर्टहल्के प्रभाव जैसे तेज धूप या हल्की बारिश
ऑरेंज अलर्टसंभावित गंभीर मौसम, सतर्कता जरूरी
रेड अलर्टअत्यंत गंभीर स्थिति, जान-माल का खतरा

क्या है जंतर-मंतर और मौसम का संबंध?

भले ही आजकल मौसम की जानकारी टेक्नोलॉजी से मिलती है, लेकिन पुराने समय में जंतर-मंतर जैसे उपकरणों से ही सूर्य, चंद्र और ग्रहों की स्थिति का विश्लेषण कर अनुमान लगाया जाता था कि कौन-सा मौसम कब आएगा। इससे भी मौसम की भविष्यवाणी की जाती थी।

क्यों जरूरी है समय पर अलर्ट?

जलवायु परिवर्तन और असामान्य मौसम की घटनाओं की बढ़ती संख्या के बीच, IMD की भूमिका और भी अहम हो गई है। समय रहते अलर्ट देकर यह विभाग:

  • जान-माल की रक्षा करता है
  • किसानों को फसलों की सुरक्षा की जानकारी देता है
  • प्रशासन को तैयारी करने का मौका देता है
  • नागरिकों को सुरक्षित रहने के लिए दिशा-निर्देश देता है