Income Tax Notice Rules: क्या पिता-पुत्र या पति-पत्नी के बीच नकद लेन-देन पर इनकम टैक्स नोटिस आ सकता है?

इनकम टैक्स कानून नकद लेन-देन पर कड़ी नजर रखता है। लेकिन करीबी रिश्तेदारों जैसे पति-पत्नी या पिता-पुत्र के बीच नकद लेन-देन के मामले में टैक्स लागू होता है या नहीं, आइए जानते हैं:

नकद लेन-देन और इनकम टैक्स नोटिस

  1. घरेलू खर्च और गिफ्ट्स

यदि पति अपनी पत्नी को घरेलू खर्च या उपहार के रूप में पैसे देता है, तो इस राशि पर पत्नी सीधे इनकम टैक्स के लिए जिम्मेदार नहीं होती। इसे पति की आय माना जाता है।

  • गिफ्ट्स या खर्च पर नोटिस नहीं: इनकम टैक्स विभाग इस प्रकार की राशि पर नोटिस जारी नहीं करता।
  • पुनर्निवेश पर टैक्स: यदि पत्नी इस पैसे को पुनर्निवेश कर आय अर्जित करती है, तो यह आय पत्नी के नाम पर करयोग्य होगी।
  1. बड़े नकद लेन-देन के नियम

इनकम टैक्स एक्ट की धारा 269SS और 269T के तहत:

  • नकद लेन-देन सीमा: ₹20,000 से अधिक का नकद लेन-देन जुर्माना आकर्षित कर सकता है।
  • परिवार के लेन-देन पर छूट: करीबी रिश्तेदारों के बीच लेन-देन के लिए छूट उपलब्ध है, जैसे:
    • पिता-पुत्र
    • पति-पत्नी
    • अन्य निर्दिष्ट पारिवारिक संबंध

पारिवारिक लेन-देन में छूट

धारा 269SS और 269T के तहत पारिवारिक लेन-देन में छूट दी गई है।

  • उदाहरण के लिए, पिता और पुत्र या पति और पत्नी के बीच नकद लेन-देन पर कोई जुर्माना नहीं लगता।
  • हालांकि, यदि इस स्थानांतरित राशि से आय अर्जित होती है (जैसे निवेश के माध्यम से), तो यह आय कर योग्य होगी।

मुख्य बातें

  1. गिफ्ट्स या खर्च पर टैक्स नहीं: व्यक्तिगत या घरेलू उद्देश्यों के लिए करीबी पारिवारिक सदस्यों के बीच किए गए लेन-देन पर कोई इनकम टैक्स नोटिस नहीं आता।
  2. निवेश से हुई आय पर टैक्स: यदि स्थानांतरित धन को बार-बार निवेश किया जाता है और आय अर्जित होती है, तो यह आय करयोग्य होगी।
  3. बड़े गैर-पारिवारिक लेन-देन से बचें: परिवार के बाहर ₹20,000 से अधिक के नकद लेन-देन पर उचित दस्तावेज़ न होने पर जुर्माना लग सकता है।

निष्कर्ष

पिता-पुत्र या पति-पत्नी के बीच नकद लेन-देन आम तौर पर इनकम टैक्स एक्ट के तहत छूट प्राप्त है, बशर्ते कि लेन-देन धारा 269SS और 269T के अंतर्गत दिए गए नियमों के अनुरूप हो। धन के स्रोत और उपयोग की स्पष्टता सुनिश्चित करें ताकि जटिलताओं से बचा जा सके।