Maha Kumbh 2025: मृत मानव के शरीर के कौन से हिस्से को खाते हैं अघोरी, खोपड़ी के साथ तो करते हैं ऐसा की देखले तो कांप जाएंगे....
- byShiv
- 15 Jan, 2025

इंटरनेट डेस्क। महाकुंभ की शुरूआत हो चुकी हैं, करोड़ों की संख्या में लोग स्नान कर चुके हैं और इसके साथ ही साथ यहां भारी मात्रा में साधु संतों का जमावड़ा लगा है। ऐसे में यहां नागा साधुओं के साथ में अघोरी भी खूब पहुंचे है। अघोरी साधु अपने अद्वितीय तांत्रिक साधना पद्धति और सामाजिक मान्यताओं के विपरीत कार्यों के लिए जाने जाते हैं। अघोरी साधु अपनी तांत्रिक साधना ज्यादातर श्मशान घाट में करते हैं। श्मशान को ही वह पवित्र स्थान मानते हैं।
किसमे खाते हैं भोजन
खबरों की माने तो अघोरी साधु नरमुंड (मानव खोपड़ी) का उपयोग भोजन पात्र के रूप में करते हैं। उनका मानना है कि जीवन और मृत्यु के बीच का संतुलन बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है। वैसे उनकी तांत्रिक क्रिया भी मानव खोपड़ी पर ही होती हैं जिसे वो हमेशा अपने साथ में रखते है।
करते हैं मानव मांस का सेवन
जानकारी के अनुसार अघोरी साधु मानव मांस का सेवन करते हैं और विशेष रूप से मरे हुए इंसान के बोन मेरो (हड्डियों के गूदे) को पसंद करते हैं। उनका मानना है कि इससे व्यक्ति के मन से घृणा का भाव समाप्त हो जाता है।
क्या हैं अघोर का अर्थ
“अघोर” शब्द का अर्थ है घृणा रहित, डर से मुक्त और बिना किसी भेदभाव के। अघोरी साधु का जीवन इसी आदर्श पर आधारित है। उनका मानना है कि हर व्यक्ति और हर वस्तु में एक समान ऊर्जा है, और इसीलिए किसी से घृणा या भेदभाव करना अनुचित है।
pc- aaj tak
Disclaimer: This content has been sourced and edited from [indianews.in]