Marriage First Night: शादी की पहली रात को क्यों कहा जाता हैं सुहागरात, जाने क्या हैं इसके पीछे की....
- byShiv
- 16 Dec, 2024

इंटरनेट डेस्क। शादियों का सीजन चल रहा हैं और सोशल मीडिया भी इन दिनों शादी की तस्वीरों और वीडियो से भरा हुआ है। शादी, हमारे समाज में, एक बेहद महत्वपूर्ण संस्कार है और इसमें कई रीति-रिवाजों और रस्मों को माना जाता है। खासकर, हिंदू धर्म में शादी को सात जन्मों का बंधन माना जाता है। इस दौरान कई रस्में निभाई जाती हैं, जैसे- जयमाला, सिंदूरदान, सात फेरे, कन्यादान, और सुहागरात भी शामिल है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि शादी की पहली रात को “सुहागरात” क्यों कहा जाता है? आइए जानते हैं इसके बारे में।
सुहागरात का क्या है महत्व?
सुहागरात, शादी के बाद की एक महत्वपूर्ण रस्म है, जिसे नवविवाहित जोड़े के नए जीवन की शुरुआत के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। इस दौरान पति-पत्नी पहली बार एक-दूसरे के साथ अपने भावनात्मक और व्यक्तिगत बंधन को मजबूत करते हैं। इसे लेकर लोग खुलकर बात करने में हिचकिचाते हैं। इसके बावजूद, यह रस्म कई मायनों में आवश्यक मानी जाती है, क्योंकि यह नए रिश्ते को गहराई देने का पहला कदम होता है।
सुहागरात” शब्द का अर्थ
पहली रात को “सुहागरात” क्यों कहा जाता है। इस शब्द की जड़ें संस्कृत भाषा में हैं। “सुहाग” शब्द, संस्कृत के “सौभाग्य” से निकला है। सौभाग्य का अर्थ है शुभ या अच्छा भाग्य। शादी के बाद, महिला को “सुहागन” कहा जाता है, जो पति के शुभ और समृद्ध जीवन का प्रतीक है। आज के समय में, सुहागरात केवल एक रस्म नहीं है, बल्कि यह नवविवाहित जोड़े के लिए एक खास और यादगार पल है। यह पल न केवल उन्हें नए जीवन की शुरुआत का एहसास कराता है, बल्कि उनके रिश्ते को मजबूत करने का अवसर भी देता है।
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