Mughal Harem: बादशाह के साथ बिस्तर पर कौन सी महिला जाएगी, इस तरह लिया जाता था फैसला, राजाओं की अय्याशी का अड्डा थे हरम

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मुगल हरम ने अपनी साज़िश और विलासिता की कहानियों से इतिहासकारों को लंबे समय से आकर्षित किया है। हरम में हज़ारों महिलाएँ रहती थीं, जो केवल बादशाह के लिए सुलभ थीं।

हरम की रखवाली करने वाले हिजड़े
मुगल हरम की कड़ी निगरानी करते थे, ताकि कोई भी अनधिकृत व्यक्ति प्रवेश न कर सके। जो कोई भी अतिक्रमण करने की हिम्मत करता था, उसे तुरंत मौत की सज़ा दी जाती थी। इन हिजड़ों को उनकी सतर्कता के लिए अच्छा मुआवज़ा दिया जाता था।

बादशाह का भोग-विलास
हरम मुगल बादशाहों के लिए भोग-विलास का स्थान था, जहाँ केवल उनका वचन ही कानून था। महिलाओं को अच्छा वेतन दिया जाता था, जो बादशाहों को जलपान और मनोरंजन प्रदान करती थीं। हरम का निर्माण बादशाहों को तरोताज़ा रखने के लिए किया गया था।

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सबसे विवादास्पद कहानी
हरम में, जहाँ हज़ारों महिलाएँ रहती थीं, यह सवाल आम था कि बादशाह के बिस्तर पर कौन सोएगा। इसका निर्णय पूरी तरह से बादशाह के पास था। हरम राजा को सुकून देता था, जो मालिश, नृत्य, गायन और शराब पीने का आनंद लेता था, जिससे उसे अपने शाही कर्तव्यों से राहत मिलती थी। यह राजा ही तय करता था कि कौन सी उपपत्नी उसके बिस्तर को साझा करेगी।

सख्त कारावास
मुगल हरम में महिलाओं को उनके आलीशान क्वार्टर तक ही सीमित रखा जाता था, उन्हें इसकी दीवारों से बाहर जाने की मनाही थी। इन सीमाओं के भीतर, उन्हें हर संभव सुविधा प्रदान की जाती थी।