New Pension Scheme: केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को मिलेगी 50% गारंटीड पेंशन, 1 अप्रैल से लागू हो रही नई पेंशन योजना
- byrajasthandesk
- 24 Mar, 2025

यूनिफाइड पेंशन योजना: केंद्र सरकार 1 अप्रैल से यूनिफाइड पेंशन योजना (UPS) लागू करने जा रही है। इस योजना का उद्देश्य केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को निश्चित राशि के रूप में पेंशन प्रदान करना है। यह योजना राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के अंतर्गत लाई जा रही है। फिलहाल, यह योजना केवल केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए है, लेकिन भविष्य में राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी इसके दायरे में लाया जा सकता है।
यूनिफाइड पेंशन योजना (UPS) का उद्देश्य कर्मचारियों को 50% गारंटीड पेंशन प्रदान करना है। यदि आप सरकारी कर्मचारी हैं और पहले से ही NPS के अंतर्गत आते हैं, तो आपको UPS चुनने का विकल्प मिलेगा। यदि किसी कर्मचारी ने कम से कम 25 वर्ष की सेवा पूरी कर ली है, तो उसे सेवानिवृत्ति से पहले के अंतिम 12 महीनों के औसत बेसिक वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। यदि सेवा 10 वर्षों से अधिक है, तो कम से कम 10,000 रुपये प्रति माह की पेंशन दी जाएगी। यदि पेंशनभोगी की मृत्यु हो जाती है, तो परिवार को अंतिम पेंशन का 60% पारिवारिक पेंशन के रूप में मिलेगा।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) क्या है?
केंद्र सरकार ने वर्ष 2004 में पुरानी पेंशन योजना (OPS) को समाप्त कर राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) को लागू किया था। शुरुआत में यह केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए था, लेकिन 2009 में इसे सभी नागरिकों, प्रवासी भारतीयों (NRI), स्वरोजगार करने वालों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए खोल दिया गया।
NPS कैसे काम करता है?
कर्मचारियों के वेतन से एक निश्चित राशि काटकर बाजार-आधारित निवेश योजनाओं में निवेश की जाती है। सेवानिवृत्ति के समय, कुल राशि का 60% एकमुश्त निकाला जा सकता है, जबकि शेष 40% को अनिवार्य रूप से वार्षिकी में निवेश करना होता है, जिससे मासिक पेंशन प्राप्त होती है। OPS के विपरीत, NPS में पेंशन की कोई गारंटी नहीं होती, और यह पूरी तरह से शेयर बाजार और निवेश योजनाओं के प्रदर्शन पर निर्भर करता है।
पुरानी पेंशन योजना (OPS) क्या थी?
NPS से पहले, सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (OPS) के तहत पेंशन दी जाती थी। इसमें कर्मचारी को उसकी अंतिम वेतन के आधार पर पेंशन मिलती थी। पेंशन की पूरी लागत सरकार उठाती थी और कर्मचारी को इसके लिए कोई योगदान राशि नहीं देनी होती थी। साल में दो बार महंगाई भत्ता (DA) भी बढ़ाया जाता था। पेंशनभोगी की मृत्यु के बाद परिवार को भी पेंशन मिलती थी।
हालांकि, सरकार को लगा कि यह योजना दीर्घकालिक रूप से वित्तीय रूप से टिकाऊ नहीं होगी, इसलिए इसे दिसंबर 2003 में बंद कर दिया गया और 2004 से NPS लागू कर दिया गया। हालांकि हाल के वर्षों में कई राज्यों ने कर्मचारियों की मांग पर OPS को फिर से लागू किया है, लेकिन केंद्र सरकार इसे वापस लाने के मूड में नहीं है।
UPS, NPS और OPS में कौन-सा बेहतर है?
यूनिफाइड पेंशन योजना (UPS): यह OPS और NPS का मिश्रण है – इसमें निश्चित पेंशन, न्यूनतम पेंशन गारंटी और पारिवारिक पेंशन शामिल है। इसमें सरकार और कर्मचारी दोनों का योगदान होता है, जिससे फंड मजबूत रहेगा। यह उन लोगों के लिए अच्छा है जो गारंटीड और स्थिर पेंशन चाहते हैं।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS): इसमें सरकार कोई गारंटी नहीं देती, लेकिन यदि शेयर बाजार अच्छा प्रदर्शन करता है, तो ऊंचा रिटर्न मिल सकता है। जो लोग निवेश को समझते हैं, वे दीर्घकालिक रूप से अधिक लाभ कमा सकते हैं। हालांकि, जोखिम भी अधिक है, क्योंकि पेंशन राशि बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करती है।
पुरानी पेंशन योजना (OPS): यह सबसे लाभदायक थी, क्योंकि सरकार पूरी पेंशन देती थी और DA भी समय-समय पर बढ़ता था। लेकिन सरकार इसे वापस लाने के पक्ष में नहीं है, क्योंकि इससे वित्तीय बोझ बढ़ सकता है।
कुल मिलाकर, यूनिफाइड पेंशन योजना (UPS) को NPS और OPS के बीच एक संतुलित समाधान के रूप में देखा जा रहा है, जो कर्मचारियों को स्थिर पेंशन का लाभ देगा और सरकार की वित्तीय स्थिति को भी ध्यान में रखेगा।