राजस्थान विधानसभा: जवाब में देरी पर सरकार को फटकार, अध्यक्ष ने तीन दिन में रिपोर्ट दाखिल करने का दिया निर्देश

जयपुर, 5 मार्च 2025: राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सरकार द्वारा ध्यानाकर्षण प्रस्तावों के जवाब में हो रही देरी पर नाराजगी जताई है। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी विभागों को तीन दिन के भीतर जवाब दाखिल करना अनिवार्य होगा।

सरकार की धीमी कार्यशैली पर सवाल

राजस्व विभाग ने 5 फरवरी को दाखिल एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का अब तक जवाब नहीं दिया था। विभाग द्वारा देरी के कारण के रूप में ‘अल्प समय’ का हवाला देने पर अध्यक्ष ने तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि पूर्व में विभाग 12 घंटे के भीतर जवाब देता था, लेकिन अब महीनों गुजर जाते हैं। इस पर संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने आश्वासन दिया कि अब से अध्यक्ष के निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाएगा।

सूरत अग्निकांड को लेकर सदन में चर्चा

शून्यकाल के दौरान कांग्रेस विधायक रफीक खान ने सूरत अग्निकांड में राजस्थान के व्यापारियों को हुए आर्थिक नुकसान का मुद्दा उठाया। उन्होंने सरकार से प्रभावित व्यापारियों के समर्थन के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की।

उन्होंने एक प्रस्ताव दिया, जिसमें सुझाव दिया गया कि:

  • सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों का एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल सूरत जाकर व्यापारियों की स्थिति का आकलन करे।
  • व्यापारियों के कुल वित्तीय नुकसान का मूल्यांकन किया जाए।
  • सरकार द्वारा दी जाने वाली सहायता राशि को निर्धारित किया जाए।
  • प्रभावित व्यापारियों को पुनः व्यापार शुरू करने के लिए ऋण सुविधाएं दी जाएं।

सरकार का आश्वासन

संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने घटना की गंभीरता को स्वीकार करते हुए इसे मानवीय संकट बताया। उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घटना के तुरंत बाद गुजरात के मुख्यमंत्री से चर्चा की थी और पूरी जानकारी प्राप्त की थी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार पूर्ण मुआवजा देने में सक्षम नहीं है, लेकिन प्रभावित व्यापारियों को हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी।

विपक्ष के अन्य मुद्दे

विपक्ष ने विधानसभा में ग्रेड-III शिक्षकों के तबादलों और पुराने ट्रैक्टरों पर लगाए गए कर को लेकर भी सवाल उठाए। प्रश्नकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और वन मंत्री संजय शर्मा के बीच तीखी बहस देखने को मिली।

निष्कर्ष: राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष ने स्पष्ट कर दिया है कि अब किसी भी विभाग द्वारा जवाब में देरी सहन नहीं की जाएगी। साथ ही, सरकार ने यह आश्वासन दिया है कि व्यापारियों को यथासंभव सहायता दी जाएगी, जिससे वे अपने व्यापार को पुनः स्थापित कर सकें।