Rajasthan: प्रदेश में अब गोवंश को अगर गलती से भी बोल दिया 'आवारा' तो हो जाएगी आपके खिलाफ.....

इंटरनेट डेस्क। आपने राजस्थान में कई सड़कों, गलियों में खुली गायोें को घूमते देखा होगा। ऐसे में कई बार अखबारों, न्यूज चैनलों आदी पर चलता रहता हैं आवरा गायों का झुंड या फिर आवाारा गाये घूम रही है। लेकिन अब आप गायों को आवारा नहीं कह सकेंगे। अगर आपने ऐसा किया और गलती से भी आपने ऐसा कह लिख दिया तो आपके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। जी हां राजस्थान में गौवंश के लिए अब आवारा शब्द का इस्तेमाल नहीं होगा। 

विधानभा में हुई घोषणा
मीडिया रिपोटर्स की माने तो पशुपालन और डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत ने विधानसभा में यह बड़ी घोषणा की है। कुमावत ने बुधवार को विधानसभा में पशुपालन एवं मत्स्य विभाग की अनुदान मांग पर हुई बहस का जवाब दिया। चर्चा के बाद सदन ने पशुपालन एवं मत्स्य विभाग की 15.58 अरब रुपए से अधिक की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी गई। इसकी घोषणा करते हुए मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की बहुमूल्य पशु सम्पदा के विकास एवं पशुधन उत्पादन को बढ़ाकर पशुपालकों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्व है।

गोवंश को नहीं कहा जाएगा आवारा 
मंत्री ने कहा कि गायों और बैलों के संरक्षण-संवर्धन के लिए सरकार संवेदनशील होकर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि आवारा गौवंश के लिए अब से ‘निराश्रित’ शब्द का प्रयोग किया जाएगा। इस बारे में बात करते हुए मंत्री जोराराम ने कहा कि राज्य में 250 करोड़ रूपए के प्रावधान के साथ मुख्यमंत्री पशुपालन विकास कोष का गठन किया जाएगा। साथ ही दुधारू पशुओं के साथ अन्य पशुओं को शामिल करते हुए मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना शुरू की जाएगी। 

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