Rajasthan Politics: सदन में हरीश चौधरी ने पढ़ी 'ठाकुर का कुआं' कविता तो खड़ा हो गया विवाद, विपक्षी नेता भाटी खड़े हो गए भाजपा के साथ

इंटरनेट डेस्क। राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र चल रहा हैं और इस बजट सत्र के दौरान कोई ना कोई बात पर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने सामने हो जाता है। इस बीच के बजट सत्र में ठाकुर का कुआं कविता भी गूंज गई। इस कविता मो पढ़ने वाले कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी अब सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे हैं। इस कविता के जरिए उन्होंने सदन में भजनलाल सरकार पर हमला बोला और उसके बाद विपक्ष के नेता रविद्र सिंह भाटी भी हरिश चौधरी के खिलाफ सरकार के साथ खड़े नजर आए।

क्यों पढ़ी गई ये कविता
बता दें की बजट पेश हो चुका हैं, लेकिन सरकार को घेरते हुए कांग्रेस नेता हरीश चौधरी ने सदन में कविता पढ़ते हुए कहा, चूल्हा मिट्टी का, मिट्टी तालाब की, तालाब ठाकुर का, भूख रोटी की, रोटी बाजरे की, बाजरा खेत का, खेत ठाकुर का, बैल ठाकुर का, हल ठाकुर का, हल की मूठ पर हथेली अपनी, फसल ठाकुर की, कुआं ठाकुर का, खेत-खलिहान ठाकुर के आपके लिए क्या है? गांव? शहर? देश? बजट को देखकर तो लगता है कि यह बड़े-बड़े महल और ठाकुरों के लिए है।

रविंद्र सिंह भाटी ने उठाए सवाल
मीडिया रिपोटर्स की माने तो कांग्रेस विधायक की इस कविता के बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। तब शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने पूछा कि रिफाइनरी कौन खा गया? वहीं भाजपा विधायक हरीश पर जातिवाद फैलाने का आरोप लगाने लगे। इसके बाद हरीश चौधरी ने कहा कि हिम्मत है तो जो चाहे कर लो, यह आवाज मजदूर, पिछड़ों की है, तमाम लोग इकट्ठे होकर भी इसे दबा नहीं सकते हैं। विवाद बढ़ा तो कुछ समय बाद हरीश चौधरी ने एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा, जो लोग मुद्दे भटकाकर विवाद करना चाहते हैं, उनसे मेरा निवेदन है कि इस कविता को जरूर पढ़ें और इसके शब्दों पर गौर करें।

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