Rajasthan Politics: अब भाजपा के इन नेताओं के लिए आलाकमान की और से आ सकती हैं बेड न्यूज, ये कारण आया सामने

इंटरनेट डेस्कराजस्थान में भाजपा को मन के मुताबिक सीटे नहीं मिली। पार्टी के नेता चुनाव के पहले और बाद तक यही दावा करते रहे कि इस बार भी मिशन 25 पूरा होगा और पार्टी हैट्रिक पूरी करेगी। लेकिन पार्टी को मिली यहां केवल 14 ही सीटें। जी हां पार्टी के नेता इन चुनावों में प्रदेश के लोगों की मन स्थिति को नहीं समझ पाएं और ओवर कॉन्फिडेंस के चक्कर में सबकुछ उल्टा हो गया। वैसे कुछ नेता तो ऐसे भी रहे हैं जो अपने क्षेत्र के बाहर ही नहीं गए। ऐस में उनके चक्कर में भी पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा है। वैसे अब खबरें यह भी हैं कि पार्टी आलाकमान इस बात से खासे नाराज हैं।

सीपी जोशी 
पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में सीपी जोशी को पूरे प्रदेश में जाना था, लेकिन वो चित्तौड़गढ़ से खुद सांसद का चुनाव लड़ने में व्यस्त रहे। चुनाव लड़ने की वजह से जोशी भी चितौड़गढ़ तक ही सीमित रह गए। अन्य क्षेत्रों में जा ही नहीं सके।

वसुंधरा राजे 
प्रदेश की दो बार मुख्यमंत्री रहीं राजे इस बार एक ही सीट पर चिपकी रही और वो भी अपने पुत्र सांसद दुष्यंत सिंह की। वे पूरे चुनाव में झालावाड़-बारां संसदीय क्षेत्र में ही चुनावी बैठकें करती रहीं। 

राजेन्द्र राठौड़
इसके साथ ही राजसमंद से सांसद का टिकट मांग रहे राजेंद्र राठौड़ भी एक्टिव नहीं दिखे।  वो चूरू में ही अटके रहे। पार्टी ने राहुल कस्वां का टिकट काट कर देवेन्द्र झाझड़िया को दिया तो राठौड़ ने इस सीट को जिम्मेदारी समझ कही और प्रचार ही नहीं किया।

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