TB मुक्त भारत की ओर राजस्थान की बड़ी छलांग: 3355 ग्राम पंचायतों ने रचा नया रिकॉर्ड!

राजस्थान ने टीबी उन्मूलन की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए देशभर में उदाहरण पेश किया है। भजनलाल सरकार के नेतृत्व में राज्य ने अब तक 3355 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया है, जो ना केवल एक आंकड़ा है, बल्कि सरकारी प्रतिबद्धता और जनभागीदारी का परिचायक भी है।


📍 देश में तीसरे स्थान पर राजस्थान

राष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान अब भारत का तीसरा ऐसा राज्य बन गया है जहां सबसे अधिक ग्राम पंचायतों ने टीबी जैसी जानलेवा बीमारी से मुक्ति पाई है। यह उपलब्धि दर्शाती है कि सरकार द्वारा चलाई जा रही स्वास्थ्य योजनाएं और जागरूकता अभियान कितने प्रभावशाली रहे हैं।


🏥 स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा सुधार

राज्य की भजनलाल सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को गांव-गांव तक पहुंचाने और मजबूत करने में जुटी है। न केवल शहरी बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी टीबी के खिलाफ व्यापक जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।

  • ग्राम सभाओं के माध्यम से लोगों को टीबी के लक्षणों जैसे - लगातार खांसी, बुखार, वजन कम होना, आदि के बारे में बताया जा रहा है।
  • लोगों को सलाह दी जाती है कि ऐसे लक्षण दिखते ही तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जांच कराएं।

📊 आंकड़ों में उपलब्धि

  • राजस्थान के 3355 गांव अब टीबी मुक्त घोषित हो चुके हैं।
  • यह राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर तीसरे स्थान पर ले आता है।
  • यह संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे साफ है कि राज्य सरकार का लक्ष्य "टीबी मुक्त राजस्थान" को जल्द से जल्द साकार करना है।

🔍 सरकार की रणनीति क्या है?

राज्य सरकार ने निकोश्य (Ni-kshay) मित्र योजना, निशुल्क दवा वितरण, सक्रिय केस खोज अभियान, और मरीजों को पोषण सहायता जैसी योजनाएं लागू की हैं, जिससे टीबी रोगियों को समय पर उपचार मिल सके।

इसके अलावा, स्कूलों, आंगनबाड़ियों, पंचायत भवनों और सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी टीबी के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है


🏆 क्यों है यह बड़ी कामयाबी?

  • ग्रामीण क्षेत्रों में टीबी का समय पर पता लगाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य रहा है।
  • अब ये 3355 पंचायतें न केवल रोग मुक्त हैं, बल्कि दूसरे गांवों के लिए प्रेरणास्रोत बन चुकी हैं।
  • इससे राजस्थान स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक उदाहरण बनकर उभरा है।

 

राजस्थान सरकार की यह पहल न केवल स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई दिशा दे रही है, बल्कि यह दिखा रही है कि सही रणनीति और जनसहभागिता से टीबी जैसी गंभीर बीमारी को भी जड़ से मिटाया जा सकता है। अगर इसी रफ्तार से अभियान चलता रहा, तो वह दिन दूर नहीं जब राजस्थान देश का पहला 100% टीबी मुक्त राज्य बन जाएगा।