RBI की बड़ी कार्रवाई: एक सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द, जानिए आपकी जमा पूंजी सुरक्षित है या नहीं

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक अहमदाबाद स्थित सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। यह कड़ा कदम बैंक की कमजोर वित्तीय स्थिति, पूंजी की कमी और नियामकीय मानकों के उल्लंघन के चलते उठाया गया है। यह फैसला इस बात को दर्शाता है कि RBI देश की बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा को लेकर बेहद गंभीर है।

RBI ने बताया कि बैंक में भविष्य में कमाई की कोई संभावना नहीं थी और यह लगातार बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, 1949 के नियमों का उल्लंघन कर रहा था। बैंक को कई बार चेतावनी दी गई और सुधार के मौके भी दिए गए, लेकिन हालात में कोई बदलाव नहीं आया।

⚠️ आर्थिक रूप से असुरक्षित स्थिति

बैंक की कमजोर वित्तीय स्थिति से जमाकर्ताओं के पैसों पर खतरा मंडरा रहा था, जिसे देखते हुए RBI को इसका लाइसेंस रद्द करना पड़ा। RBI के अनुसार, बैंक का संचालन जनता के हित में नहीं था क्योंकि यह न तो पूंजी के मानकों पर खरा उतर रहा था और न ही दीर्घकालिक रूप से लाभ कमा पा रहा था।

यह कार्रवाई यह संदेश देती है कि नियमों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी

🛡️ DICGC से मिलेगी जमा राशि की गारंटी

अगर आपका अकाउंट इस बैंक में था, तो घबराने की जरूरत नहीं है। आपकी जमा राशि की सुरक्षा की जिम्मेदारी डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) उठाएगा। इस योजना के तहत प्रत्येक जमाकर्ता को ₹5 लाख तक की बीमा राशि प्रदान की जाती है, जिसमें मूलधन और ब्याज दोनों शामिल होते हैं।

RBI के आंकड़ों के मुताबिक, इस बैंक के लगभग 98.51% ग्राहक इस बीमा के दायरे में आते हैं। इतना ही नहीं, 31 मार्च 2024 तक DICGC पहले ही ₹13.94 करोड़ की राशि पात्र खाताधारकों को लौटा चुका है।

🏦 बैंक बंद करने की प्रक्रिया शुरू

RBI ने बैंक को औपचारिक रूप से बंद करने के लिए गुजरात राज्य की सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार से अनुरोध किया है। जल्द ही एक परिसमापक (लिक्विडेटर) की नियुक्ति की जाएगी, जो बैंक की संपत्तियों की बिक्री, बकाया भुगतान और खाताधारकों को राशि लौटाने की प्रक्रिया को संभालेगा।

इससे बैंक का संचालन व्यवस्थित तरीके से बंद किया जाएगा और ग्राहकों को समय पर उनका पैसा मिलेगा।

📢 अन्य बैंकों को मिला कड़ा संदेश

इस कार्रवाई से अन्य सहकारी बैंकों को भी स्पष्ट संकेत मिला है कि नियमों की अनदेखी की सजा निश्चित है। RBI ने दोहराया है कि वह किसी भी प्रकार की लापरवाही पर सख्त कदम उठाएगा।

यह कदम भारतीय बैंकिंग प्रणाली की पारदर्शिता, सुरक्षा और ग्राहकों के विश्वास को बनाए रखने की दिशा में एक अहम प्रयास है।