RG Kar rape-murder case: फांसी की सजा से बच गया संजय रॉय, कोर्ट ने सुनाई केवल उम्रकैद की सजा, ना परिवार खुश ना राज्य सरकार

इंटरनेट डेस्क। आरजीकर रेप-मर्डर केस में सोमवार (20 जनवरी) को सजा का ऐलान हो गया। दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इस मामले में कानूनी जानकारों का मानना था कि दोषी को फांसी की सजा मिल सकती है, लेकिन वह इस अधिकतम सजा से बच गया। वहीं संजय रॉय को मिली सजा से ना पीड़िता का परिवार खुश हैं और ना हीं  बांग्लादेश सरकार। दरअसल, सजा के ऐलान से पहले हुई सुनवाई में अतिरिक्त जिला एव सत्र जज अनिर्बान दास ने इस पूरे मामले को रेयरेस्ट ऑफ रेयर नहीं माना यानी यह एक दुर्लभतम अपराध नहीं था।

मिली सजा
मीडिया रिपोटर्स की माने तो जज अनिर्बान दास ने संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाने के साथ ही उस पर 50,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया। इसके साथ ही जज ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह पीड़िता के परिवार को 17 लाख रुपए का हर्जाना दे। संजय रॉय को बीते शनिवार ही दोषी मान लिया गया था, सोमवार को केवल सजा का ऐलान बाकी था। इस दौरान सुनवाई के वक्त संजय ने एक बार फिर से खुद को बेगुनाह बताया। सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील ने जज अनिर्बान दास से संजय को इस अपराध के लिए अधिकतम सजा देने की गुहार लगाई। लेकिन सजा मिली केवल उम्रकैद की।

देभभर को हिला देने वाली घटना
मीडिया रिपोटर्स की माने तो पिछले साल 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर अर्धनग्न अवस्था में मृत पाई गई थी। जैसे ही यह मामला सामने आया तो महज कोलकाता ही नहीं बल्कि पूरे भारत में बवाल मचा देशभर के डॉक्टर इस जघन्य अपराध के खिलाफ सड़कों पर उतर आए थे, कई दिनों तक कोलकाता समेत कई बड़े शहरों में विरोध प्रदर्शन किए गए थे।

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