SDM slapping case: जाने कौन हैं वो आईपीएस अधिकारी जिसने हजारों की भीड़ से पकड़कर खींच लिया नरेश मीणा को

इंटरनेट डेस्क। राजस्थान विधानसभा उपचुनाव के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा के ‘थप्पड़ कांड‘ ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया। इस पूरे घटनाक्रम ने राजस्थान की राजनीति में उथल पुथल मचा दी। हजारों उपद्रवी समर्थकों की भीड़ में पुलिस को नरेश मीणा को गिरफ्तार करने में कड़ा संघर्ष करना पड़ा। स्थिति आगजनी से लेकर पत्थरबाजी और इसके साथ साथ आंसू गैस के गोले तक जा पहुंची। लेकिन पुलिस फूल प्रूफ प्लानिंग से हजारों उपद्रवियों की भीड़ में भी नरेश मीणा को दबोच लाने में सफल रही।

किसने बनाया प्लॉन
मीडिया रिपोटर्स की माने तो इस पूरा घटनाक्रम को हैंडल करने और नरेश मीणा की गिरफ्तारी के पीछे अजमेर रेंज के डीआईजी आईपीएस ओम प्रकाश का माइंड प्लान बताया जा रहा है। इस मामले में अजमेर रेंज के डीआईजी ओम प्रकाश समरावता गांव में हुए थप्पड़ कांड के बाद टोंक जिला मुख्यालय जाकर डट गए। यहां उन्होंने टोंक एसपी के साथ मिलकर इस स्थिति से निपटने की योजना बनाई। इस दौरान पुलिस ने सूझबूझ के साथ पहले तो मतदान करवाया। इसके बाद नरेश मीणा को पकड़ने की योजना बनाई। पुलिस ने बताया कि जितने भी समर्थक थे, वह सब बाहर के थे और सभी अपराधी किस्म के लड़के थे। डीआईजी ओम प्रकाश ने बताया कि घटना की रात पुलिस ने नरेश को पकड़ लिया था, लेकिन समर्थकों की भीड़ उसे छुडाकर ले गई। 

कैंप किया गांव के पास 
गुरुवार को जब घटना के दूसरे दिन नरेश मीणा को पुलिस ने गिरफ्तार किया, तब डीआईजी खुद समरावता गांव के समीप कैंप डालकर मॉनिटरिंग कर रहे थे। इस बीच पुलिस एडिशनल एसपी मालपुरा मोटाराम बेनीवाल, देवली डीएसपी राम सिंह समेत पुलिस अधिकारी नरेश तक पहुंचे और उन्होंने उसे दबोच लिया। इस दौरान पुलिस को करीब एक घंटे तक मशक्कत करनी पड़ी। डीआईजी ओम प्रकाश वर्मा 2008 के आईपीएस अधिकारी हैं, जो प्रदेश के दबंग और तेज तर्रार आईपीएस में जाने जाते हैं। ओमप्रकाश झुंझुनू जिले के रहने वाले हैं। इससे पहले आईपीएस ओमप्रकाश टोंक जिले के एसपी भी रह चुके हैं और उनकी टोंक जिले पर काफी पकड़ है। 

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