Sheikh Hasina: भारत से शेख हसीना को वापस लाने की कोशिश में लगे मुहम्मद यूनुस, लेंगे इंटरपोल का सहारा

इंटरनेट डेस्क। बांग्लादेश में दो महीने पूर्व हुई राजनीतिक उथल पुथल के बीच वहां की पूर्व  पीएम शेख हसीना पीएम देश छोड़कर भारत आ गई थी और उन्होंने यही शरण थी, अब वो यही भारत में ही शरण लिए हुए है। इस बीच बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने रविवार को कहा कि वह मानवता के खिलाफ कथित अपराधों के मुकदमे का सामना करने के लिए अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और अन्य भगोड़ों को भारत से वापस लाने में इंटरपोल की सहायता मांगेगी। हसीना और उनकी पार्टी के नेताओं पर कोटा सिस्टम के खिलाफ शुरू हुए छात्र आंदोलन के बलपूर्वक दमन का आदेश देने का आरोप है।

बड़े पैमाने पर हुआ था आंदोलन
यह आंदोलन बड़े पैमाने पर जन विद्रोह में बदल गया, जिससे शेख हसीना को 5 अगस्त को गुप्त रूप से भारत भागने के लिए मजबूर होना पड़ा। मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के मुताबिक, विरोध प्रदर्शन के दौरान कम से कम 753 लोग मारे गए और हजारों घायल हुए। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने इसे मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार करार दिया है। अक्टूबर के मध्य तक हसीना और उनकी पार्टी के नेताओं के खिलाफ बांग्लादेश के इंटनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल में मानवाधिकार उल्लंघन और नरसंहार की 60 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं। 

इंटरपोल की ली जा सकती हैं मदद 
अंतरिम सरकार के कानूनी मामलों के सलाहकार आसिफ नजरूल ने मीडियाकर्मियों से कहा, बहुत जल्द इंटरपोल के माध्यम से एक रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जाएगा। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि ये फासीवादी भगोड़े दुनिया में कहां छिपे हैं, उन्हें वापस लाया जाएगा और अदालत में जवाबदेह ठहराया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि रेड कॉर्नर नोटिस कोई अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट नहीं है, बल्कि प्रत्यर्पण, आत्मसमर्पण या इसी तरह की कानूनी कार्रवाई के लिए लंबित किसी व्यक्ति का पता लगाने और उसे अस्थायी रूप से गिरफ्तार करने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए एक वैश्विक अनुरोध है। 

pc- ndtv.in