Supreme Court का बड़ा फैसला: अवैध कब्जे से प्रॉपर्टी छुड़ाना अब आसान

Supreme Court ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया है जो संपत्ति विवाद से जूझ रहे लोगों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। अब यदि किसी ने आपकी संपत्ति पर अवैध कब्जा किया है, तो आप बिना कोर्ट गए भी उसे खाली करवा सकते हैं। हालांकि, इसके लिए जरूरी है कि आप उस संपत्ति के वैध मालिक हों और आपके पास उसके मालिकाना हक के दस्तावेज हों।

मुख्य बिंदु:

  1. अवैध कब्जा हटाने का अधिकार:
    • यदि किसी ने आपकी जमीन या संपत्ति पर कब्जा किया है, तो आप 12 साल के भीतर बलपूर्वक कब्जा खाली करवा सकते हैं।
    • अगर कब्जा 12 साल से ज्यादा पुराना है, तो आपको कानूनी कार्यवाही करनी होगी।
  2. मालिकाना हक का महत्व:
    • सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अचल संपत्ति का मालिकाना हक रजिस्टर्ड दस्तावेज के आधार पर ही वैध माना जाएगा।
    • गिफ्ट डीड, सेल डीड या अन्य रजिस्टर्ड डॉक्यूमेंट के बिना प्रॉपर्टी का ट्रांसफर मान्य नहीं है।
  3. विशिष्ट राहत अधिनियम 1963 (Specific Relief Act 1963):
    • इस अधिनियम की धारा 5 के तहत, यदि आपके पास संपत्ति का मालिकाना हक है और उस पर अवैध कब्जा हो गया है, तो आप नागरिक प्रक्रिया संहिता (CPC) के तहत कार्रवाई कर सकते हैं।
    • सबसे पहले स्टे ऑर्डर लें ताकि कब्जाधारी व्यक्ति संपत्ति पर निर्माण या उसे बेच न सके।

कानूनी धाराएं जो मददगार हो सकती हैं:

  1. धारा 406:
    यदि कोई व्यक्ति विश्वास का दुरुपयोग कर संपत्ति पर कब्जा कर लेता है, तो आप पुलिस में शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
  2. धारा 467:
    • यदि किसी ने फर्जी दस्तावेज बनाकर आपकी संपत्ति हड़प ली है, तो यह मामला संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आएगा।
    • इस पर प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचार किया जाएगा।
  3. धारा 420:
    धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े से जुड़ी संपत्ति के विवाद में यह धारा लागू होती है।

मालिकाना हक के लिए सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला:

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 के तहत संपत्ति का मालिकाना हक तभी वैध होगा जब संबंधित दस्तावेज रजिस्टर्ड हों।

  • बिना रजिस्टर्ड दस्तावेज, प्रॉपर्टी का ट्रांसफर मान्य नहीं है।
  • गिफ्ट डीड और रजिस्टर्ड सेल डीड को संपत्ति विवाद में सबसे मजबूत साक्ष्य माना जाएगा।

क्या करें अगर प्रॉपर्टी पर कब्जा हो?

  1. सबसे पहले, संपत्ति के सभी वैध दस्तावेज तैयार रखें।
  2. यदि कब्जा अवैध है, तो विशिष्ट राहत अधिनियम की धारा 5 के तहत कार्रवाई करें।
  3. किसी भी फर्जी दस्तावेज से संबंधित मामले में धारा 467 और 420 के तहत शिकायत दर्ज करें।
  4. कानूनी प्रक्रिया के दौरान स्टे ऑर्डर लेना न भूलें।

निष्कर्ष:
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला संपत्ति मालिकों को अधिकार देता है कि वे अपनी संपत्ति पर अवैध कब्जा खाली करवा सकें। हालांकि, यह तभी संभव है जब उनके पास संपत्ति का वैध मालिकाना हक हो। अवैध कब्जों के मामलों में यह निर्णय न केवल न्याय की दिशा में मील का पत्थर है, बल्कि संपत्ति विवादों को सुलझाने में तेजी भी लाएगा।