ट्रंप को उम्मीद- भारत के साथ व्यापार समझौता जल्द लेगा अंतिम रूप! कहा- 'इससे दोनों देशों के बीच कम टैरिफ पर व्यापार का रास्ता खुलेगा'

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भारत के साथ व्यापार समझौता फाइनल हो जाएगा इस बात को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आशावादी हैं। उनका यह भी मानना ​​है कि अगर व्यापार समझौता फाइनल हो जाता है तो इससे दोनों देशों के बीच 'कम टैरिफ' वाले व्यापार का रास्ता खुलेगा। हालांकि व्यापार समझौता अभी फाइनल नहीं हुआ है। दोनों देशों के प्रतिनिधि समाधान निकालने के लिए वॉशिंगटन में बातचीत कर रहे हैं। इसी दौरान ट्रंप ने यह टिप्पणी की।

ट्रंप ने संवाददाताओं द्वारा व्यापार समझौते के बारे में पूछे जाने पर उम्मीद जताई। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि हम भारत के साथ समझौता करने जा रहे हैं। यह एक अलग तरह का समझौता होने जा रहा है। अगर यह समझौता फाइनल हो जाता है तो हम वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे।" अंत में अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि भारत और अमेरिका के बीच 'बेहद कम टैरिफ वाला समझौता' होने जा रहा है!

भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में काम चल रहा है। देश के वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ समझौते की विषय-वस्तु को अंतिम रूप दे रहे हैं। इसके बाद भारत के साथ बातचीत चल रही है। ट्रंप ने अमेरिका की नई टैरिफ नीति को 90 दिनों के लिए अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। 90 दिन की अवधि 9 जुलाई को समाप्त हो रही है। उससे पहले इस बात पर व्यापक चर्चा शुरू हो गई है कि भारत-अमेरिका व्यापार समझौता अंतिम रूप लेगा या नहीं।

व्यापार समझौते पर चर्चा के लिए एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल फिलहाल अमेरिका में है। हालांकि, दोनों देश अभी तक किसी अंतिम निर्णय पर नहीं पहुंच पाए हैं।

किस बात पर है असहमति?

सूत्रों के मुताबिक, समझौते को अंतिम रूप देने की राह में कई बाधाएं हैं। व्यापार के कई क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच अभी भी असहमति है। खासकर ऑटो पार्ट्स, स्टील और कृषि उत्पादों पर आयात शुल्क को लेकर दोनों देश चर्चा कर रहे हैं। भारतीय प्रशासन के एक सूत्र का दावा है कि अमेरिका की शर्तों को पूरा करना संभव नहीं है, खासकर कृषि उत्पादों पर टैरिफ को लेकर। इस पर आपत्ति जताई गई है।

अभी तक इस बात की कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है कि दोनों देशों के बीच मतभेद सुलझ गए हैं। ऐसी खबरें भी हैं कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल दो दिन और अमेरिका में रहेगा। दरअसल, ट्रंप पहले ही संकेत दे चुके हैं कि वह 9 जुलाई के बाद इस अवधि को आगे नहीं बढ़ाना चाहते हैं। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इस अवधि के भीतर भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर होंगे या नहीं।

केंद्र के एक सूत्र के माध्यम से पता चला है कि अमेरिका भारत के कृषि और डेयरी क्षेत्रों में अधिक निवेश करने में रुचि रखता है। लेकिन नई दिल्ली ने अभी तक इस पर सहमति नहीं जताई है। एक सूत्र का दावा है कि नई दिल्ली और वाशिंगटन ट्रंप की समयसीमा से ठीक एक दिन पहले यानी 8 जुलाई को अंतरिम व्यापार समझौते की घोषणा कर सकते हैं। व्यापार समझौते पर असहमति के बावजूद ट्रंप प्रशासन भारत को प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका का "बहुत महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार" मानता है।