Tax-Saving Investments: महिलाएं इन 4 निवेश विकल्पों के जरिए ज्यादा रिटर्न और टैक्स बचत कर सकती हैं

निवेश भविष्य को सुरक्षित करने और बेहतर रिटर्न कमाने का एक स्मार्ट तरीका है। महिलाएं कुछ खास योजनाओं में निवेश कर न केवल ज्यादा रिटर्न पा सकती हैं बल्कि आयकर में भी बचत कर सकती हैं। यहां 4 प्रमुख विकल्प दिए गए हैं:

  1. पोस्ट ऑफिस एमआईएस (मंथली इनकम स्कीम)

इस योजना में एक बार में राशि निवेश की जाती है, और मासिक आधार पर ब्याज दिया जाता है। 5 साल बाद मूल राशि वापस कर दी जाती है।

  • ब्याज दर: 7.4% प्रति वर्ष
  • जमा सीमा:
    • ₹9,00,000 सिंगल खाता
    • ₹15,00,000 संयुक्त खाता

संयुक्त खाता खोलने पर ज्यादा राशि जमा करके अधिक रिटर्न कमा सकते हैं:

  • ₹9,00,000 पर ₹5,550/माह
  • ₹15,00,000 पर ₹9,250/माह (संयुक्त खाता)।
  1. फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी)

5 साल से कम अवधि के एफडी पर ब्याज आय पर टैक्स लगता है यदि यह ₹40,000 वार्षिक सीमा पार करता है। टैक्स बचाने के लिए:

  • यदि आपकी पत्नी गृहिणी हैं या कम कर स्लैब में आती हैं, तो एफडी उनके नाम से करवाएं।
  • फॉर्म 15G जमा करके टैक्स छूट का लाभ लें।
  • संयुक्त एफडी में पत्नी को प्राथमिक धारक बनाएं।
  1. संयुक्त होम लोन

होम लोन को अच्छा कर्ज माना जाता है क्योंकि इससे संपत्ति में निवेश होता है, जिसकी कीमत समय के साथ बढ़ती है। पत्नी को सह-आवेदक बनाकर संयुक्त होम लोन लेने से:

  • ब्याज दर में छूट: महिला सह-आवेदकों को 0.05% कम ब्याज दर मिलती है।
  • लोन सीमा बढ़ती है: दोनों कमाने वालों की आय जोड़कर अधिक लोन लिया जा सकता है।

संयुक्त होम लोन पर टैक्स लाभ

दोनों आवेदक व्यक्तिगत टैक्स लाभ का दावा कर सकते हैं:

  • धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख प्रति व्यक्ति (कुल ₹3 लाख)।
  • धारा 24B के तहत ब्याज पर ₹2 लाख प्रति व्यक्ति (कुल ₹4 लाख)।
  • कुल मिलाकर ₹7 लाख तक का टैक्स लाभ मिल सकता है।
  1. पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ)

पीपीएफ लंबी अवधि के लिए बचत और टैक्स लाभ का आदर्श तरीका है। संयुक्त खाता संभव नहीं है, लेकिन पति-पत्नी अलग-अलग खाते खोल सकते हैं:

  • जमा सीमा: ₹1.5 लाख प्रति खाता सालाना
  • ब्याज दर: 7.1%

टैक्स लाभ:

  • धारा 80C के तहत निवेश पर कर छूट।
  • पीपीएफ ई-ई-ई (पूरी तरह कर मुक्त) श्रेणी में आता है, जिससे निवेश, ब्याज और परिपक्वता राशि पर कोई टैक्स नहीं लगता।

निष्कर्ष

इन योजनाओं का लाभ उठाकर महिलाएं बेहतर रिटर्न कमा सकती हैं और बड़ी टैक्स बचत कर सकती हैं। पत्नी को इन निवेशों में शामिल करने से और अधिक फायदे प्राप्त किए जा सकते हैं।