EPS-95 पेंशनभोगियों की जायज मांग, लेकिन पैसा कहां से आएगा? जानें पेंशनर्स का नजरिया

कर्मचारी पेंशन योजना (EPS)-1995 के तहत पेंशनभोगी न्यूनतम 7500 रुपये प्रति माह पेंशन की मांग कर रहे हैं। इसके लिए सरकार और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। पेंशनभोगियों का कहना है कि यह मांग पूरी तरह से वाजिब है।

पेंशनभोगी रामकृष्ण पिल्लई का मानना है कि EPS-95 न्यूनतम पेंशन 7500 रुपये प्रति माह होनी चाहिए। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि इसके लिए पैसा कहां से आएगा? पेंशन फंड में योगदान देने वाले व्यक्ति, जिसमें पारिवारिक पेंशन फंड भी शामिल है, के लिए यह एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय है।

 

गणना और सवाल

यदि किसी ने 33 साल तक पेंशन फंड में योगदान दिया हो, तो मौजूदा नियमों के तहत उन्हें न्यूनतम 7500 रुपये पेंशन के लिए पर्याप्त फंड नहीं मिलता। गणना के अनुसार,
7500 ÷ 10 × 35 (33+2) / 70 = 26250 रुपये

 

पेंशन फंड की स्थिति

एक्चुरियल मूल्यांकन के अनुसार, EPS कॉर्पस पहले से ही घाटे में है। मौजूदा सदस्यों की भविष्य की देनदारियां भी पेंशन फंड को संतुलित नहीं कर पातीं।

प्रमुख सवाल:

  1. क्या नियोक्ता और कर्मचारी फंड में अधिक योगदान के लिए तैयार हैं?
  2. क्या सरकार EPS में सब्सिडी देने के लिए सहमत होगी?

सरकार फिलहाल पेंशन बढ़ाने के लिए अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराने में रुचि नहीं दिखा रही है। ऐसे में पेंशनभोगियों को अपनी मांग को व्यावहारिक बनाना होगा या सरकार को उचित समाधान देना होगा।