Naraka Chaturdashi 2025: जाने कब हैं इस साल नरक चतुर्दशी और क्या हैं इसका महत्व
- byShiv
- 07 Oct, 2025

इंटरनेट डेस्क। कार्तिक माह की शुरूआत हो चुकी हैं और इस महीने में बड़े बड़े त्योहार आने हैं, इनमें धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाईदोज सहित कई विशेष पर्व मनाए जाते है। इनमे से ही एक हैं कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के अगले दिन आने वाली नरक चतुर्दशी। यह पर्व भगवान कृष्ण को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर जगत के पालनहार भगवान कृष्ण की भक्ति भाव से पूजा की जाती है।
क्यों मनाई जाती है नरक चतुर्दशी?
सनातन शास्त्रों में निहित है कि चिरकाल में नरकासुर का आतंक बहुत बढ़ गया था। नरकासुर के आतंक से तीनों लोक में त्राहिमाम मच गया था। नरकासुर ने बलपूर्वक सोलह हजार स्त्रियों को बंदी बना लिया था। उस समय जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर से भीषण युद्ध किया था। इस युद्ध में भगवान श्रीकृष्ण को विजयश्री मिली थी। भगवान कृष्ण और नरकासुर के मध्य कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि तक युद्ध हुआ था। भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध कर सोलह हजार स्त्रियों को मुक्त कराया था। इस शुभ अवसर पर हर साल नरक चतुर्दशी मनाई जाती है।
नरक चतुर्दशी का महत्व
सनातन धर्म में नरक चतुर्दशी का खास महत्व है। इस दिन साधक प्रातः काल में सूर्याेदय से पहले उठकर घर की साफ-सफाई करते हैं। इसके बाद नित्य कर्मों से निवृत्त होने के बाद स्नान-ध्यान करते हैं। इसके बाद गंगाजल युक्त पानी से स्नान करते हैं। सुविधा होने पर अपामार्ग युक्त पानी से भी स्नान करते हैं। कहते हैं कि नरक चतुर्दशी के दिन अपामार्ग युक्त पानी से स्नान करने पर व्यक्ति को जाने-अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है।
pc- bhaktimahima.com