8th Pay Commission Update: केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा झटका! सरकार ने DA को बेसिक पे में मिलाने से कर दिया साफ मना

pc: navarashtra

सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा झटका दिया है। सरकार ने DA को बेसिक पे में मर्ज करने से साफ मना कर दिया है। 8th Pay Commission बनने के बाद से ही केंद्रीय कर्मचारियों में DA को बेसिक पे में मर्ज करने की मांग तेज हो गई थी। जनवरी 2024 में महंगाई भत्ता (DA) पहले ही 50% को पार कर गया था। हालांकि, अब फाइनेंस मिनिस्ट्री ने इस मांग पर अपना रुख साफ कर दिया है, जिससे कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है। सरकार ने साफ किया है कि फिलहाल DA को बेसिक पे में मर्ज करने का कोई प्लान नहीं है।

केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों की DA को उनकी बेसिक पे में मर्ज करने की मांग को साफ मना कर दिया है। फाइनेंस राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने साफ कहा कि फिलहाल सरकार की तरफ से DA को बेसिक पे में मर्ज करने का कोई प्रपोजल विचाराधीन नहीं है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब आठवें वेतन आयोग का ऐलान हो चुका है और कर्मचारी यूनियन लगातार इसकी मांग कर रही हैं।

अभी केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 58% है, जो जनवरी 2024 में 50% से ज़्यादा था। सरकार साल में दो बार महंगाई भत्ते में बदलाव करती है। DA को बेसिक पे के साथ जोड़ने से केंद्र सरकार के कर्मचारियों को बड़ा फाइनेंशियल फायदा हो सकता है। DA को बेसिक पे के साथ जोड़ने से एक नई, बढ़ी हुई बेसिक पे बनती है। हालांकि इसका तुरंत कोई फायदा नहीं होता, लेकिन भविष्य में अलाउंस में होने वाली कोई भी बढ़ोतरी इसी बढ़ी हुई बेसिक पे के आधार पर कैलकुलेट की जाती है। इस कैलकुलेशन से कुल सैलरी में काफी बढ़ोतरी होती है।

ऑल इंडिया NPS एम्प्लॉइज फेडरेशन के नेशनल प्रेसिडेंट मंजीत सिंह पटेल के मुताबिक, DA का मर्जर न होने से कर्मचारियों को भारी नुकसान हो रहा है। फिर HRA और दूसरे अलाउंस इसी बढ़ी हुई सैलरी पर कैलकुलेट किए जाएंगे, जिससे कर्मचारी की कुल सैलरी लगभग ₹1,64,959 हो जाएगी।

हालांकि, DA का मर्जर न होने से उसी कर्मचारी की अभी की कुल सैलरी लगभग ₹1,53,832 है। इस तरह, DA का मर्जर न होने से कर्मचारियों को लगभग 7.23% का अंतर झेलना पड़ रहा है। ट्रेड यूनियनों का कहना है कि अगर नए पे कमीशन को लागू करने में दो साल की देरी होती है, तो यह अंतर 15% से ज़्यादा हो सकता है। इसलिए, कर्मचारियों के लिए यह मांग बहुत ज़रूरी है।