बांग्लादेश ने भारत से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की औपचारिक मांग की

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को प्रत्यर्पित करने के लिए औपचारिक कूटनीतिक नोट भेजा है। हसीना 5 अगस्त से भारत में निर्वासन में रह रही हैं, जब छात्र आंदोलन के चलते उनका 16 वर्षों का शासन समाप्त हो गया।

मुख्य घटनाएं:

  • प्रदर्शन और पलायन: 4 अगस्त को बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन हुए, जिसमें हजारों प्रदर्शनकारियों ने शेख हसीना के इस्तीफे की मांग की।
  • अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT): शेख हसीना और उनके कई पूर्व कैबिनेट मंत्रियों, सलाहकारों, सैन्य और नागरिक अधिकारियों के खिलाफ "मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार" के आरोप में गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया।
  • प्रत्यर्पण प्रक्रिया:
    • विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने कहा कि भारत को एक कूटनीतिक संदेश भेजा गया है, जिसमें हसीना को न्यायिक प्रक्रिया के लिए वापस भेजने का अनुरोध किया गया है।
    • गृह सलाहकार जाहंगीर आलम ने पुष्टि की कि उनके कार्यालय ने विदेश मंत्रालय को प्रत्यर्पण प्रक्रिया तेज करने के लिए पत्र भेजा है

भारत और प्रत्यर्पण संधि:

जाहंगीर आलम ने बताया कि ढाका और नई दिल्ली के बीच एक प्रत्यर्पण संधि पहले से ही अस्तित्व में है, और इस संधि के तहत शेख हसीना को वापस लाया जा सकता है।

शरण के प्रयास:

शेख हसीना ने यूके में शरण लेने की योजना बनाई थी, लेकिन वीजा संबंधी चुनौतियों और ब्रिटेन की नीति, जो केवल देश के भीतर शरण आवेदन की अनुमति देती है, के कारण ऐसा संभव नहीं हो पाया।

 

 

 

 

 

 

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