भारत का एक और दुश्मन खल्लास: पाकिस्तान में फिर बाइक सवार आया और लश्कर आतंकी की खोपड़ी उड़ाई
- byrajasthandesk
- 17 Feb, 2025

पाकिस्तान में आतंकवादियों के सफाए का सिलसिला जारी है। ताज़ा घटना में खैबर पख्तूनवा के स्वाबी जिले में लश्कर-ए-तैयबा के टॉप कमांडर मौलाना काशिफ अली को अज्ञात मोटरसाइकिल सवारों ने गोलियों से भून दिया। पिछले एक महीने में यह चौथी ऐसी घटना है, जिसने पाकिस्तान में खलबली मचा दी है।
आतंक का अंत
मौलाना काशिफ अली, जो युवाओं का ब्रेनवॉश कर उन्हें आतंकवादी संगठनों में भर्ती करता था, को रविवार शाम उस समय निशाना बनाया गया जब वह अपने मदरसे से लौट रहा था। बाइक सवार हमलावरों ने बेहद करीबी से उस पर गोलियां दागीं, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
यह घटना पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। लगातार हो रही इन हत्याओं से लश्कर समेत अन्य आतंकी संगठनों में दहशत का माहौल है।
कौन था मौलाना काशिफ अली?
काशिफ अली लश्कर-ए-तैयबा के एक प्रमुख सदस्य के तौर पर सक्रिय था। वह मस्जिदों और मदरसों में युवाओं को जिहादी विचारधारा से प्रभावित करता और आतंकवादी संगठन में शामिल होने के लिए प्रेरित करता था। इसके अलावा, वह आतंकी प्रशिक्षण केंद्रों में लेक्चर देकर युवाओं को हिंसा के रास्ते पर चलने के लिए उकसाता था।
आतंकी संगठनों में खलबली
इस घटना के बाद लश्कर-ए-तैयबा और इससे जुड़े संगठनों ने पाकिस्तान सरकार की कड़ी आलोचना की है। सोशल मीडिया पर चल रही पोस्ट में कहा गया कि 'काशिफ अली का कसूर बस इतना था कि वह पाकिस्तान से प्यार करता था।' उन्होंने सरकार से हत्यारों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग की है।
1 महीने में 4 आतंकी ढेर
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान में आतंकी निशाना बने हैं। पिछले एक महीने में लश्कर के तीन अन्य आतंकियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है। इनमें से दो की मौत सड़क दुर्घटना में हुई, जबकि एक को अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी।
इन घटनाओं से लश्कर और अन्य आतंकी संगठनों में भय का माहौल है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों पर हमलावरों को पकड़ने का दबाव बढ़ रहा है। हालांकि, अब तक किसी भी घटना में हत्यारों का सुराग नहीं मिल पाया है।
निष्कर्ष:
पाकिस्तान में जारी इन रहस्यमयी हत्याओं से यह स्पष्ट है कि भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल आतंकियों के लिए अब वहां भी सुरक्षित ठिकाना नहीं बचा है। पाकिस्तान सरकार पर बढ़ते दबाव और आतंकी संगठनों की बौखलाहट इस बात का सबूत है कि आतंकवाद का अंत करीब है।