Chandipura Virus: क्या हैं चांदीपुरा वायरस और कब आया था सबसे पहला मामला सामने, 24 घंटों में ले ली 6 बच्चों की जान

इंटरनेट डेस्क। आपने कारोना का नाम सुना होगा और इस वायरस के बारे में सुनते ही अभी भी ऐसे डर लगने लग जाता हैं की जैसे कुछ हो ही जाएगा। अब एक और ऐसा ही वायरस आया हैं और इसका नाम हैं चांदीपुरा वायरस। इस वायरस से 24 घंटों में 6 बच्चों की मौत हो गई हैं। बता दें की इसका असर गुजरात के अलग-अलग इलाकों में देखने को मिल रहा है। सोमवार को गुजरात के हिम्मतनगर अस्पताल में चांदीपुरा वायरस से छह लोगों की मौत हो गई।

पहला मामला यहा आया था सामने
मीडिया रिपोटर्स की माने तो चांदीपुरा कोई नया वायरस नहीं है, पहला मामला साल 1965 में महाराष्ट्र से सामने आया था। उसके बाद गुजरात में भी यह संक्रमण पाया गया। यह संक्रमण आमतौर पर बरसात के मौसम में देखने को मिलता है। यह संक्रमित रोग मक्खी, मच्छर के काटने से होता है। 9 महीने से 14 साल की उम्र के बच्चों में यह संक्रमण पाया जाता है। यदि बाल रोगियों में उच्च श्रेणी के बुखार, उल्टी, दस्त, सिर दर्द और ऐंठन जैसे प्राथमिक लक्षण दिखाई देते हैं, तो तत्काल चिकित्सक से मिले।

क्या है चांदीपुरा वायरस
चांदीपुरा वायरस एक दुर्लभ और खतरनाक बीमारी है जो बुखार, फ्लू जैसे लक्षणों और तीव्र एन्सेफलाइटिस का कारण बनता है। यह मुख्य रूप से मच्छरों, टिक्स और सैंडफ्लाइज के माध्यम से फैलता है। इसके लक्षण जल्दी बढ़ सकते हैं, जिससे शुरुआत के पहले 24 घंटों के भीतर न्यूरोलॉजिकल हानि और संभावित रूप से घातक ऑटोइम्यून एन्सेफलाइटिस हो सकता है। चांदीपुरा वायरस में मौत का खतरा बहुत ज्यादा होता है।

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