प्रवासी राजस्थानियों से मुख्यमंत्री का आह्वान: जयपुर आएं, ‘विकसित राजस्थान 2047’ मिशन से"जुड़ें

  • मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रवासी राजस्थानियों को जयपुर आने का दिया आमंत्रण
  • ‘प्रवासी राजस्थानी सम्मान पुरस्कार’ हर वर्ष होगा प्रदान
  • राजस्थान को जेम्स एंड ज्वेलरी हब बनाने का मुख्यमंत्री का विज़न

 

सूरत/जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा 10 दिसंबर को होने वाली प्रवासी राजस्थानी मीट को सफल बनाने में हर संभव प्रयास कर रहे हैं, वह प्रवासी राजस्थानियों से मिलकर मीट को सफल बनाने के लिए देश के कोने कोने में बसे प्रवासी राजस्थानियों से मिलकर उनसे मीट का सफल बनाने के लिए बैठकें कर रहे है, इसी कड़ी में सीएम गुजरात के सूरत शहर पहुंचे जहां उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े प्रवासी राजस्थानियों के साथ एक मीटिंग का आयोजन किया

सूरत में आयोजित प्रवासी राजस्थानी मीट के दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रवासी राजस्थानियों की सराहना करते हुए कहा कि उनकी मेहनत और उपलब्धियां न केवल राज्य बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का विषय हैं। उन्होंने कहा कि प्रवासी राजस्थानी जहां भी हैं, अपनी मातृभूमि से जुड़ाव बनाए रखें और राज्य के विकास में सक्रिय भूमिका निभाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान और गुजरात का रिश्ता सिर्फ भौगोलिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से भी गहरा है। सूरत और राजस्थान मिलकर जेम्स एंड ज्वेलरी, टेक्सटाइल, फार्मा और पेट्रोकेमिकल जैसे क्षेत्रों में नई ऊंचाइयां छू सकते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि दोनों राज्यों के सहयोग से राजस्थान को विश्व का "जेम्स एंड ज्वेलरी हब" बनाया जा सकता है।

शर्मा ने प्रवासी राजस्थानियों से आग्रह किया कि वे 10 दिसंबर को जयपुर में आयोजित होने वाले ‘प्रवासी राजस्थानी दिवस’ में बड़ी संख्या में शामिल हों। इस अवसर पर राज्य सरकार हर साल उत्कृष्ट योगदान करने वाले प्रवासियों को ‘प्रवासी राजस्थानी सम्मान पुरस्कार’ से सम्मानित करेगी। यह पुरस्कार विज्ञान, व्यवसाय, कला, खेल, साहित्य, सिनेमा, संगीत और सामाजिक सेवा जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राजस्थान सरकार ने प्रवासी राजस्थानी समुदाय के साथ संबंध मजबूत करने के लिए संस्थागत ढांचा तैयार किया है। वर्तमान में राजस्थान फाउंडेशन के 26 चैप्टर्स भारत और विदेशों में सक्रिय हैं, जो प्रवासी राजस्थानियों और राज्य सरकार के बीच सेतु का कार्य कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ‘विकसित राजस्थान 2047’ के लक्ष्य को साकार करने में प्रवासियों की साझेदारी चाहती है। उन्होंने खुलासा किया कि राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में हुए 35 लाख करोड़ रुपये के एमओयू में से 7 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स पहले ही धरातल पर उतर चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार दिसंबर में पेट्रोकेमिकल रिफाइनरी की शुरुआत करने जा रही है और ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर व डेटा सेंटर स्थापित करने के लिए निवेशकों को सहयोग दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि रिप्स-2024 के तहत पिछले डेढ़ साल में 1400 करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी दी गई है, जिससे राज्य में निवेश और रोजगार दोनों बढ़े हैं।

शर्मा ने प्रवासी राजस्थानियों को जल संरक्षण, भूजल पुनर्भरण और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में भी भागीदारी के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान फाउंडेशन के जरिए सरकारी योजनाओं में जनभागीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि प्रवासी समुदाय अपनी जड़ों से जुड़ा रहे और विकास में योगदान दे सके।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सूरत में सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले प्रवासी राजस्थानियों को सम्मानित किया और राजस्थान फाउंडेशन का ब्रोशर जारी किया। कार्यक्रम में संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल, विधायक पुष्पेंद्र सिंह, उद्योग विभाग के अधिकारी और बड़ी संख्या में प्रवासी राजस्थानी मौजूद रहे।

‘प्रवासी राजस्थानी दिवस’ का आयोजन 10 दिसंबर को जयपुर में किया जाएगा। यह आयोजन राजस्थान सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य प्रवासी राजस्थानियों और राज्य के बीच सहयोग, निवेश और सांस्कृतिक जुड़ाव को नई दिशा देना है।