राजस्थान में जिलों पर विवाद: अशोक गहलोत का भजनलाल सरकार पर हमला, पूछा- "एक साल क्यों लगा?"

जयपुर: राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भजनलाल सरकार के उस फैसले पर सवाल उठाया है, जिसमें उनके शासन में बनाए गए 17 नए जिलों में से 9 जिलों और तीन संभागों को रद्द कर दिया गया है। गहलोत ने कहा कि ये जिले प्रशासनिक दृष्टिकोण से बनाए गए थे ताकि बजट घोषणाओं को पूरा करना और मॉनिटरिंग करना आसान हो। उन्होंने पूछा कि अगर यह फैसला सही था, तो इसे सरकार ने आते ही क्यों नहीं लिया? इस पर एक साल क्यों लगाया गया?

नए जिलों को लेकर गहलोत का पक्ष:
गहलोत ने कहा कि ये जिले जनता की मांग और लंबे आंदोलनों के बाद बनाए गए थे। बेहतर प्रशासन और आम लोगों को राहत पहुंचाने के लिए यह जरूरी था। उन्होंने भजनलाल सरकार पर आरोप लगाया कि बिना सोचे-समझे इन जिलों को रद्द करना सही नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ नौकरशाह लालच या डर में मीडिया में इन जिलों को अव्यवहारिक बता रहे हैं।

हर राज्य बढ़ा रहा है नए जिले:
गहलोत ने अन्य राज्यों का उदाहरण देते हुए कहा कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में नए जिले बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में इन जिलों को बनाने से पहले पूरा होमवर्क किया गया था और जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया था।

शांतिपूर्ण विरोध की अपील:
गहलोत ने प्रदेश के लोगों से शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने की अपील की और उग्र विरोध से बचने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को गुड गवर्नेंस का उदाहरण पेश करना चाहिए था, लेकिन इसके विपरीत राज्य में क्राइम बढ़ रहा है और जनता नाराज है।

 

 

 

 

 

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