12 लाख तक इनकम टैक्स फ्री, लेकिन इस गलती से बचें – वरना भरना पड़ेगा ज्यादा टैक्स
- byrajasthandesk
- 21 Feb, 2025
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फाइनेंस बिल 2025 के अनुसार सेक्शन 87A में बदलाव किया गया है, जिसके तहत कैपिटल गेन को टैक्स छूट की गणना से बाहर रखा गया है। नई कर व्यवस्था में टैक्स फ्री इनकम की सीमा को ₹7 लाख से बढ़ाकर ₹12 लाख कर दिया गया है, जबकि अधिकतम छूट की सीमा ₹60,000 तय की गई है। साथ ही, बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट ₹4 लाख होगी।
कैपिटल गेन पर टैक्स छूट नहीं मिलेगी
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने स्पष्ट किया है कि सेक्शन 111A और 112 के तहत आने वाले कैपिटल गेन को सेक्शन 87A की छूट में शामिल नहीं किया जाएगा। इसका मतलब है कि अगर आपकी आय इन सेक्शनों के अंतर्गत आती है, तो स्पेशल रेट से टैक्स लगाया जाएगा, भले ही आपकी कुल इनकम ₹12 लाख से कम हो।
गलतफहमी से बचें – टैक्स फ्री इनकम का सही मतलब समझें
यदि आपकी आय केवल सैलरी से है और वह ₹12 लाख तक है, तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा। लेकिन यदि आपकी आय में लॉटरी, घुड़दौड़, स्टॉक्स या अन्य पूंजीगत लाभ (Capital Gains) शामिल हैं, तो उन पर विशेष दरों के अनुसार टैक्स लगेगा।
उदाहरण:
- यदि आपकी सैलरी ₹6 लाख है और अतिरिक्त ₹6 लाख की आय कैपिटल गेन या लॉटरी से आती है, तो इस ₹6 लाख पर टैक्स लगेगा।
- कुल ₹12 लाख की इनकम टैक्स फ्री नहीं होगी, बल्कि सिर्फ सैलरी वाला हिस्सा टैक्स फ्री रहेगा।
सेक्शन 87A में किए गए बदलाव:
- टैक्स फ्री इनकम सीमा ₹7 लाख से बढ़ाकर ₹12 लाख की गई।
- अधिकतम टैक्स छूट ₹25,000 से बढ़ाकर ₹60,000 की गई।
- बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट ₹4 लाख तय की गई।
नई टैक्स गणना (न्यू टैक्स रिजीम - 2025)
इनकम (₹) | टैक्स रेट | देय कर (₹) |
---|---|---|
₹4,00,000 तक | 0% | 0 |
₹4,00,001 – ₹8,00,000 | 5% | ₹20,000 |
₹8,00,001 – ₹12,00,000 | 10% | ₹40,000 |
सेक्शन 87A छूट | - | ₹60,000 (-) |
कुल टैक्स देय | - | 0 |
पुरानी टैक्स व्यवस्था पर कोई असर नहीं
CBDT के अनुसार, ओल्ड टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सरचार्ज और एजुकेशन सेस में भी कोई संशोधन नहीं हुआ है। बदलाव सिर्फ नई कर प्रणाली (New Tax Regime - 115BAC) में किए गए हैं।
इनकम के कौन से स्रोत 87A में शामिल नहीं होंगे?
CBDT के मुताबिक, जिन संपत्तियों (Assets) की टैक्स गणना विशेष दरों (Special Rates) पर होती है, उन्हें 87A छूट में शामिल नहीं किया जाएगा। इनमें शामिल हैं:
✅ शेयरों से होने वाला कैपिटल गेन (Capital Gains - सेक्शन 111A, 112)
✅ लॉटरी से प्राप्त आय
✅ घुड़दौड़ से कमाई
न्यू टैक्स रिजीम के तहत टैक्स स्लैब (आकलन वर्ष 2026-27)
कुल इनकम (₹) | टैक्स रेट |
---|---|
₹4,00,000 तक | कर मुक्त (Nil) |
₹4,00,001 – ₹8,00,000 | 5% |
₹8,00,001 – ₹12,00,000 | 10% |
₹12,00,001 – ₹16,00,000 | 15% |
₹16,00,001 – ₹20,00,000 | 20% |
₹20,00,001 – ₹24,00,000 | 25% |
₹24,00,000 से अधिक | 30% |
निष्कर्ष: सही योजना बनाएं, टैक्स बचाएं
✔ अगर आपकी आय ₹12 लाख तक है और पूरी सैलरी से आती है, तो टैक्स जीरो होगा।
✔ अगर इसमें कैपिटल गेन, लॉटरी या अन्य स्पेशल इनकम शामिल है, तो टैक्स लगेगा।
✔ पुरानी टैक्स प्रणाली में कोई बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन नई कर प्रणाली में 87A की छूट बढ़ाई गई है।
❗ गलतफहमी से बचें, सही टैक्स प्लानिंग करें और ज्यादा टैक्स देने से बचें!