Lok Sabha Session: प्रोटेम स्पीकर के पद को लेकर आमने सामने हुई कांग्रेस और भाजपा, जाने क्या हैं इसके पीेछे का कारण

इंटरनेट डेस्कलोकसभा का सत्र 24 जून से शुरू होने जा रहा हैं और ऐसे में नए सांसदों को शपथ दिलाने और लोकसभा की कार्यवाही देखने के लिए बीजेपी सांसद भर्तृहरि महताब को 18वीं लोकसभा का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया है। इस नियुक्ति पर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस ने इस फैसले पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। जयराम रमेश ने कहा कि परंपरा के अनुसार जो सांसद अधिकतम कार्यकाल पूरा कर लेता है, उसे प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाता है। इसलिए जो फैसला हुआ हैं वो परंपरा के खिलाफ है।

क्या कहा कांग्रेस ने
मीडिया रिपोटर्स की माने तो 18वीं लोकसभा में कांग्रेस के कोडिकुन्निल सुरेश और वीरेंद्र कुमार (बीजेपी) दोनों ही अपना 8वां कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। वीरेंद्र कुमार अब मंत्री हैं, इसलिए, उम्मीद थी कि के सुरेश को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाएगा, लेकिन भाजपा के भर्तृहरि महताब को नियुक्त किया गया है। रमेश ने कहा कि भाजपा बुलडोजर की राजनीति की मानसिकता से उबर नहीं पाई हैं। जयराम रमेश ने कहा कि मुझे लगता है कि पीएम मोदी दलितों के खिलाफ हैं, के. सुरेश दलित हैं। हर कोई सोच रहा था कि के. सुरेश प्रोटेम स्पीकर होंगे।

किरेन रिजिजू ने क्या कहा
इसके साथ ही कांग्रेस नेता के इस बयान पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने भी निशाना साधा और कहा कि मुझे बहुत खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि मुझे शर्म आती है कि कांग्रेस पार्टी इस तरह की बातें करती है। सबसे पहले तो उन्होंने प्रोटेम स्पीकर को लेकर मुद्दा बनाया। प्रोटेम स्पीकर का यह पद बहुत ही अस्थायी होता है, वे नए स्पीकर के चुनाव तक अपनी भूमिका निभाते हैं, प्रोटेम स्पीकर की भूमिका सीमित होती है। उन्होंने कहा भर्तृहरि महताब लगातार 7 बार के सांसद हैं और इस समय वे सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले सदस्य हैं। 

सुरेश कोडईकनाल के लगातार नहीं हैं कार्यकाल
मीडिया रिपोटर्स की माने तो किरेन रिजिजू ने कहा कि सुरेश कोडईकनाल का कुल कार्यकाल 8 बार का रहा है, लेकिन वह लगातार 8 बार के सांसद नहीं हैं। 1998 और 2004 के आम चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा कि व्यवस्था का उल्लंघन सिर्फ उन्हीं लोगों को महसूस होगा, जिन्होंने व्यवस्था और उसके नियमों को नहीं पढ़ा है।

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