Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि पर करेंगे ये 7 गलतियां तो होगा बड़ा नुकसान, नहीं मिलेगी शिव कृपा

ज्योतिष शास्त्र में साधना के लिए तीन रात्रियों को विशेष माना गया है। इसमें शरद पूर्णिमा की मोहरात्रि, दिवाली की कालरात्रि और महाशिवरात्रि को सिद्ध रात्रि माना गया है। माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का महान त्योहार मनाया जाता है। इस साल यह त्योहार 8 मार्च 2024 को मनाया जाएगा। आइए जानते हैं इस पावन पर्व पर कौन से काम नहीं करने चाहिए। 

शिव पूजा के दौरान भूलकर भी न करें ये 7 गलतियां 

1. शंख जल - भगवान शिव ने शंखचूड़ नामक असुर का वध किया था। शंख को उसी असुर का प्रतीक माना जाता है जो भगवान विष्णु का भक्त था इसलिए भगवान विष्णु की पूजा शंख से की जाती है। लेकिन शिवजी की पूजा में शंख का प्रयोग नहीं करना चाहिए। 

2. फूल- भगवान शिव की पूजा में केसर दुपहरिका, मालती, चंपा, चमेली, कुंद, जूही आदि के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए।

3. झांझ- भगवान शिव की पूजा के दौरान झांझ नहीं बजाना चाहिए। 

4. तुलसी का पत्ता - तुलसी का जन्म जलंधर नामक असुर की पत्नी वृंदा के अंश से हुआ था, जिसे भगवान विष्णु ने अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। इसलिए शिवजी की पूजा में तुलसीदल का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

5. काले तिल - माना जाता है कि काले तिल की उत्पत्ति भगवान विष्णु के मल से हुई है। इसलिए इसे भगवान शिव को नहीं चढ़ाना चाहिए।  

6. टूटे हुए चावल- भगवान शिव को चावल यानी साबूत चावल चढ़ाने के संबंध में शास्त्रों में लिखा है कि टूटे हुए चावल अपूर्ण और अशुद्ध होते हैं। इसलिए ये शिवजी को नहीं चढ़ाए जाते. 

7. कंकू - यह सौभाग्य का प्रतीक है। जबकि भगवान शिव वैरागी हैं। अत: शिवजी को कुमकुम चदावतु नहीं है।