Mumbai Blast: 12 साल बाद भी नहीं भरे मुंबई के जख्म, 12 मिनट में तीन बलास्ट से हिल गई थी आर्थिक नगरी

इंटरनेट डेस्क। मुंबई का नाम आते ही हर किसी के सामने वहां की खूबसूरती और आर्थिक राजधानी की तस्वीरे घूमने लगती है। यहां के समुद्र के किनारे और उनके किनारे बसे महल से घर हर किसी को पसंद आते है। लेकिन इसी आर्थिक राजधानी को आतंकियों ने कुछ ऐसे जख्म भी दिए हैं जो भुलाए नहीं जा सकते है। कई लोगों की मौते हुई, कई घायल हुए तो कई बेघर हो गए, ऐसे में 13 जुलाई  का दिन जब भी आता हैं हर कोई सहम जाता है।

13 जुलाई 2011 को हुए थे धमाके 
बता दें की 13 जुलाई 2011 का दिन मुंबई के लिए काले दिन की तरह रहा। अब से 12 साल पहले इस दिन मुंबई में तीन बम धमाके हुए थे। इनमें करीब 20 से अधिक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी और लगभग 130 लोग इस ब्लास्ट में घायल हुए थे। आज भी इन लोगों के परिवारों के जख्म इन यादों को और इस दिन को देख हरे हो जाते है। दरअसल, 12 साल पहले आज ही के दिन मुंबई में एक के बाद एक तीन ब्लास्ट हुए थे। आतंकियों ने धमाकों के लिए शाम का समय चुना था। 

इंडियन मुजाहिदीन ने किए थे धमाके 
बता दें कि जिन तीन धमाकों से मुंबई थर्रायी थी, उन्हें ओपेरा हाउस, झावेरी बाजार और दादर पश्चिम में अंजाम दिया गया था। इन सब धमाकों की जिम्मेदारी इंडियन मुजाहिदीन ने ली थी। सबसे पहला विस्फोट झावेरी बाजार में हुआ था। यहां विस्फोटक को एक मोटरसाइकिल पर लगाया गया था। इससे पहले कोई कुछ समझ पाता, उसके अगले ही पल एक और धमाका ओपेरा हाउस के पास हुआ। विस्फोटक को प्रसाद चैंबर्स और पंचरत्न बिल्डिंग के बाहर एक टिफिन बॉक्स में रखा गया था। तीसरा और अंतिम ब्लास्ट दादर में हुआ। इस विस्फोटक को कबूतर खाना के पास स्थित डॉ. एंटोनियो डा सिल्वा हाई स्कूल बेस्ट बस स्टैंड के एक बिजली के खंभे पर लगाया गया था।

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