Offbeat: कड़ाके की ठंड में भी नंगे बदन रहते हैं नागा साधु फिर भी नहीं लगती सर्दी, आखिर क्या है इसका रहस्य
- byShiv
- 13 Jan, 2025

PC: indianews
आज पौष पूर्णिमा से महाकुंभ की शुरुआत हो गई है, और सबुह से ही लोग स्नान के लिए पहुंचने लगे हैं। अभी बेहद ही अधिक ठंड है और लोग खुद को ठंड से बचाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, नागा साधु शरीर पर भस्म लगाए बिना कपड़ों के नजर आ रहे हैं। ऐसे में सभी के मन में ये सवाल आता है कि नागा साधुओं को सर्दी क्यों नहीं लगती है?
नागा साधु बिना कपड़ों के माईनस टेम्प्रेचर में भी रह लेते हैं, जबकि मेडिकल साइंस कहता है कि -20 डिग्री सेल्सियस तापमान में कोई भी इंसान सिर्फ़ 2.30 घंटे ही ज़िंदा रह सकता है और अगर वह दो परत कपड़े पहने तो 15 घंटे ही ज़िंदा रह सकता है। तो भला ये चीजें नागा साधुओं पर लागू कैसे नहीं होती है? उन्होंने कैसे मेडिकल साइंस को गलत साबित कर दिया गया। ऐसे में आइए जानते हैं कि नागाओं को ठंड न लगने के पीछे क्या वजह है?
कहा जाता है कि नागा साधु अपनी साधना के दम अपर सर्दी और गर्मी पर विजय प्राप्त कर लेते हैं। वे 3 तरह की साधना करते हैं जो उन्हें हर मौसम में जिंदा रहने में मदद करती है।
पहला
अग्नि साधना, जिसमें नागा अपने शरीर में अग्नि तत्व को एकत्रित करते हैं, इससे शरीर गर्म रहता है।
दूसरा नाड़ी शोधन
नाड़ी शोधन प्राणायाम के जरिए नागा अपने शरीर में वायु का संतुलन बनाए रखते हैं, शरीर गर्म रहता है।
नागा साधु मंत्रों का जाप करके अपने शरीर में ऊर्जा उत्पन्न करते हैं, जिससे शरीर में गर्मी उत्पन्न होती है, उन्हें ठंड कम ही लगती है।
इसके अलावा नागा साधू अपने शरीर पर जो भस्म लगाते हैं वो इंसुलेटर का काम करती है। इसमें कई तरह के खनिज, लवण होते हैं, इसमें कैल्शियम, फास्फोरस और पोटैशियम होता है, जो तापमान को नियंत्रित करने में मदद करता है।