Rajasthan: दौसा जिले का मोरेल बांध लबालब, पांच साल बाद चली 6 इंच की चादर, आस पास के गांवों में दहशत

इंटरनेट डेस्क।  प्रदेश में हो रही अच्छी बारिश का असर अब प्रदेश के कई बांधो में भी दिखाई देने लगा है। ऐसे ऐसे बांध इस बार भर गए हैं जो पिछले पांच सालों से भरने का इंतजार कर रहे थे। ऐसे में एशिया का सबसे बड़ा कच्चा मोरेल बांध भी लबालब हो चुका है जो लालसोट क्षेत्र में आता है। इस बांध में जयपुर की ढूंढ़ नदी सहित कई नदियों का पानी आ रहा है। बताया जा रहा कि बांध पर 6 इंच की चादर चल रही है। मोरेल बांध पर चादर चलने लगी तो आसपास के लोग वहां पिकनिक मनाने के लिए पहुंचने लग गए हैं। वहीं प्रशासन इसको लेकर पूरी तरह अलर्ट मोड पर आ गया है।

प्रशासन अलर्ट मोड़ पर
वहीं किसी भी व्यक्ति को ओवरफ्लो बांध के नजदीक जाने नहीं दिया जा रहा है। लेकिन ओवरफ्लो के समीप जाकर नहाने या मस्ती करने की अनुमति किसी को नहीं दी गई है। लालसोट एसडीएम ने बताया कि यह बांध 4 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है यह पूरी तरह मिट्टी का बांध है। इस बांध में बुधवार को रिसाव की सूचना भी मिली थी लेकिन उसे रिपेयर कर दिया गया है।

मोरेल बांध से पानी नहरों में जाता है
मीडिया रिपोटर्स की माने तो मोरेल बांध से सवाई माधोपुर और दौसा के लालसोट क्षेत्र के किसानों को नहर के माध्यम से सिंचाई के लिए पानी मिलता है। मोरेल बांध को 1952 में बनाया गया था यह दौसा जिले के लालसोट के गांव कांकरिया के पास मोरेल नदी पर स्थित है। मोरेल नदी बनास नदी की सहायक नदी है। इससे पहले बांध में 2019 में चादर चली थी। 2014 में इसमें 26 फीट से अधिक पानी भर गया था जबकि 1984 में यह बांध बाढ़ में टूट गया था उस दौरान कई गांवों में पानी घुस गया था।

pc- bhaskar, patrika news