Rajasthan: राजस्थान में बोरवेल में फंसी बच्ची को बचाने की उम्मीद अभी भी बरकरार, जानें आखिर क्यों नहीं मिल पा रही सफलता

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23 दिसंबर को कीरतपुरा गांव में बोरवेल में फंसी तीन साल की बच्ची को बचाने का अभियान अभी भी जारी है। कोटपुतली-बहरोड़ डीसी कल्पना अग्रवाल कहती हैं, "हमने उम्मीद नहीं खोई है। हमारी पूरी टीम प्रेरित है। हमें पूरा भरोसा है कि हम बच्ची को बचा लेंगे। हमने एनडीआरएफ टीम के काम की पुष्टि के लिए विशेषज्ञों की तीन अन्य टीमों को बुलाया है। हम बच्ची को बचाने के लिए बनाई गई सुरंग को चौड़ा कर रहे हैं, क्योंकि बोरवेल का अंत झुका हुआ है।"

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और स्थानीय प्रशासन सहित अधिकारी बच्ची को सुरक्षित निकालने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।

एनडीआरएफ के एसआई महावीर सिंह ने एएनआई को बताया कि, "बारिश के कारण वेल्डिंग करना हमारे लिए मुश्किल हो रहा है। इससे बचाव अभियान में बाधा आ रही है, लेकिन फिर भी काम जारी है। हमने बचाव अभियान नहीं रोका है।"

उल्लेखनीय है कि बच्ची 23 दिसंबर से बोरवेल में फंसी हुई है। बारिश और खराब मौसम के कारण काम धीमा हो रहा है। सब डिवीजन मजिस्ट्रेट (एसडीएम) ब्रजेश चौधरी ने बताया कि ऑपरेशन में काफी प्रगति हुई है और एनडीआरएफ बच्ची को बोरवेल से बाहर निकालने की कोशिश कर रही है।

चौधरी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और प्रशासन की टीमें बचाव अभियान चलाने की कोशिश कर रही हैं। हमने बच्ची के नीचे एक घेरा बनाया है, इसलिए हमें उम्मीद है कि हम उसे जल्द ही बचा लेंगे।"

हालांकि, एसडीआरएफ के सब-इंस्पेक्टर रवि कुमार ने आसपास की मिट्टी से उत्पन्न चुनौतियों पर प्रकाश डाला। कुमार ने कहा, "नमी के कारण उसके आसपास की मिट्टी दब गई है, जिससे आगे खुदाई करना मुश्किल हो रहा है। इन बाधाओं के बावजूद, हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं और हमें नहीं पता कि इसमें कितना समय लगेगा।"