Rajasthan: सरकार का बड़ा फैसला, मेडिकल कॉलेज,हॉस्पिटलों के प्रिंसिपल और अधीक्षक नहीं कर सकेंगे निजी प्रैक्टिस
- byShiv
- 14 Nov, 2025
इंटरनेट डेस्क। राजस्थान सरकार ने एक बड़ा फैसला किया हैं और वो यह की अब प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों और हॉस्पिटलों में पदस्थ प्रिंसिपल और अधीक्षक घर या क्लीनिक पर निजी प्रैक्टिस नहीं कर सकेंगे। यह फैसला डॉक्टरों की ड्यूटी, जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है। इसके साथ ही सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि इन पदों पर बैठे डॉक्टर यूनिट हैड या विभागाध्यक्ष नहीं बन सकेंगे।
लिया बड़ा फैसला
मीडिया रिपोटर्स की माने तो सरकार के फैसले से तो यह तो साफ हो गया एक डॉक्टर अब एक साथ कई जिम्मेदारियों का बोझ नहीं उठाएगा। अब कोई भी डॉक्टर सीधे प्रिंसिपल नहीं बन सकेगा। इसके लिए सरकार ने अनुभव की अनिवार्यता तय की है। केवल वही डॉक्टर कॉलेज का प्रिंसिपल या कंट्रोलर बनाया जाएगा, जिसके पास अधीक्षक या अतिरिक्त प्रिंसिपल पद पर कम से कम 3 साल का अनुभव और विभागाध्यक्ष के तौर पर कम से कम 2 साल का अनुभव हो।
बनेगी कमेटी
मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट की ओर से जारी आदेशों में कहा गया है कि अब से प्रिंसिपल पद के चयन के लिए 4 सदस्यों की हाई-लेवल कमेटी बनाई जाएगी। इस कमेटी में मुख्य सचिव, एसीएस कार्मिक विभाग, एसीएस चिकित्सा शिक्षा विभाग और आरयूएचएस या मारवाड़ मेडिकल कॉलेज, जोधपुर के कुलपति शामिल होंगे। नई व्यवस्था के अनुसार, प्रिंसिपल का कार्यकाल 3 साल का होगा।
pc- ndtv






