राजस्थान पॉलिटिक्स: मदरसा बोर्ड में अनियमितताओं की जांच के आदेश, वर्दी और मिड डे मील योजना में घोटाले का खुलासा
- byrajasthandesk
- 05 Mar, 2025

राजस्थान सरकार करेगी मदरसा बोर्ड और मिड डे मील योजना की गहन जांच
राजस्थान में शिक्षा विभाग के अंतर्गत मदरसा बोर्ड और मिड डे मील योजना में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं की आशंका जताई गई है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस मामले में निष्पक्ष जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
पूर्व सरकार के कार्यकाल में हुई थी अनियमितताएं
राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने विधानसभा में जानकारी दी कि पिछली सरकार के शासनकाल में मदरसा बोर्ड और मिड डे मील योजना में वित्तीय अनियमितताएं देखने को मिली हैं। उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान सरकार ने छात्रों को खाद्य सामग्री वितरित करने का फैसला किया था। योजना के अनुसार, 59.81 लाख छात्रों को इस सुविधा का लाभ मिलना था, लेकिन रिकॉर्ड के अनुसार, 66.22 लाख छात्रों को यह सामग्री वितरित कर दी गई। यह आंकड़े गड़बड़ी की ओर इशारा करते हैं।
1,705 करोड़ रुपये के घोटाले की आशंका
शिक्षा मंत्री ने बताया कि भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की एक रिपोर्ट में सामने आया कि सामग्री खरीद टेंडर में करीब 1,705 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले की पूर्व में हुई जांच को रद्द कर दिया जाएगा और एक नई, निष्पक्ष जांच की जाएगी।
मदरसा बोर्ड में वर्दी वितरण में भ्रष्टाचार की भी होगी जांच
सरकार ने मदरसा बोर्ड में छात्रों के लिए वर्दी वितरण में भी गड़बड़ियों की आशंका जताई है। इस विषय पर भी गहराई से जांच की जाएगी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार राज्य में नैतिक मूल्यों, अनुशासन और व्यावहारिक ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि परिवार और स्कूल दोनों ही बच्चों के चरित्र निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं और सरकार इस दिशा में शिक्षा प्रणाली को और मजबूत करने पर कार्य कर रही है।
प्रवेश परीक्षाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित
मदन दिलावर ने बताया कि 27-28 फरवरी 2025 को आयोजित रीट (REET) परीक्षा पूरी तरह से कड़ी निगरानी में कराई गई, जिससे किसी भी प्रकार की अनियमितता की कोई शिकायत नहीं आई। इस परीक्षा में 13.77 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे। इसी तरह, प्री डीएलएड (Pre D.El.Ed) परीक्षा 2024 भी सफलतापूर्वक संपन्न हुई थी।
शिक्षा सुधारों के लिए उठाए गए कदम
शिक्षा मंत्री ने विधानसभा में घोषणा की कि प्राथमिक शिक्षा के लिए 218.82 अरब रुपये और माध्यमिक शिक्षा के लिए 288.30 अरब रुपये की अनुदान राशि ध्वनि मत से पारित की गई है।
इसके अतिरिक्त, सरकार परीक्षा प्रणाली में सुधार करने जा रही है। उन्होंने बताया कि री-टोटलिंग के साथ-साथ उत्तर पुस्तिकाओं की री-चेकिंग की सुविधा पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू की जा रही है। बोर्ड परीक्षाओं में पेपर लीक और नकल को रोकने के लिए अब सेक्शन-वार प्रश्नपत्र विशेषज्ञों द्वारा तैयार किए जाएंगे।
सभी सरकारी स्कूल होंगे एक ही रंग में रंगे
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा या स्थानीय भाषा में दी जाएगी। इसके लिए एक विशेष शब्दकोश तैयार किया गया है। एनईपी के दिशा-निर्देशों के अनुसार नई किताबें विकसित की जा रही हैं।
इसके अलावा, सरकार ने सभी सरकारी स्कूलों को एक ही रंग में रंगने का निर्णय लिया है, जिससे सरकारी स्कूलों की पहचान स्पष्ट रूप से हो सके।
राजस्थान सरकार शिक्षा प्रणाली को पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए बड़े कदम उठा रही है। मदरसा बोर्ड और मिड डे मील योजना में हुई अनियमितताओं की गहराई से जांच होगी और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, राज्य में परीक्षा प्रणाली को मजबूत करने और शिक्षा के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।