Rajasthan Politics: एक बार फिर से शुरू हो सकती हैं गहलोत और पायलट के बीच सियासी खिंचतान, चुनाव परिणाम करेंगे तय

इंटरनेट डेस्क। लोकसभा चुनावों का मौसम अब समाप्ती की और हैं और अब तो गिनती के दिन बचे है। 1 जून को आखिरी चरण का मतदान होगा और फिर 4 जून को चुनाव परिणाम आ जाएंगे। चुनाव परिणाम के बाद एक बार फिर से प्रदेश में गहलोत और पायलट के  बीच  तनाव बढ़ सकता है। अगर ये चुनाव परिणाम पायलट के हक में हुए तो। ऐसा इसलिए की पायलट ने राजस्थान की कई सीटों पर जमकर प्रसार किया था और वहा भाजपा को झटका लग सकता है। ऐसे में अगर परिणाम सही रहे तो फिर पायलट की ताकत बढ़ेेगी और सियासी पारा भी बढ़ेगा।

गहलोत पहले ही दे चुके हैं बयान
बता दें की पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने अमेठी संसदीय क्षेत्र में एक इंटरव्यू में सचिन पायलट के एक बयान को बेवकूफी भरा बताया था। ऐसा इसलिए कि पायलट ने एक इंटरव्यू में कहा था कि जालौर में वैभव गहलोत के चुनाव प्रचार के लिए आमंत्रित नहीं किया गया। इसके बाद गहलोत ने ऐसे बयान देने से बचने की सलाह दी थी। वहीं सचिन पायलट ने टोंक-सवाई माधोपुर सहित कई सीटों पर जमकर प्रचार किया है। ऐसे में राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो इन सीटों पर कांग्रेस की जीत हुई तो पायलट की ताकत बढ़ेगी। 

गहलोत के बेटे की फंस रही सीट
वहीं जालोर-सिरोही लोकसभा सीट पर कांग्रेस के पक्ष में परिणाम आता नजर नहीं आ रहा है। अगर यहां इस सीट पर अशोक गहलोत के बेटे की हार होती है तो सियासी तूफान का आना तय है। हालांकि इस बात पर सबकुछ निर्भर करेगा की राजस्थान में कांग्रेस कितनी सीटें जीतती है।

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