Rajasthan Weather Update: राजस्थान में अभी भी भारी बारिश की चेतावनी, आज 14 जिलों पर बड़ा संकट

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राजस्थान में मानसून की बारिश एक बार फिर तेज हो गई है, जिससे अजमेर और राजसमंद समेत कई इलाकों में अफरातफरी मच गई है। शुक्रवार को अजमेर में भारी बारिश से शहर में जनजीवन ठप हो गया, जिससे शनिवार को स्कूल बंद करने पड़े। सड़कों पर पानी भर गया और लोग घरों में ही रहने को मजबूर हो गए।

मौसम विभाग ने आज उदयपुर, प्रतापगढ़, राजसमंद, बांसवाड़ा और डूंगरपुर में अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। जयपुर मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, वर्तमान में एक परिसंचरण तंत्र उत्तर-पूर्वी राजस्थान और आसपास के इलाकों में स्थित है, जो सतह से 5.8 किलोमीटर ऊपर तक फैला हुआ है।

बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक कम दबाव का तंत्र भी विकसित हुआ है। इन स्थितियों के कारण अगले 3-4 दिनों तक पूर्वी राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में मानसून के सक्रिय रहने की उम्मीद है। आज उदयपुर, अजमेर और जयपुर संभाग के कुछ हिस्सों में मध्यम से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।

नौ जिलों में भारी बारिश की चेतावनी

आज अजमेर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, कोटा, सवाई माधोपुर, सिरोही, टोंक और पाली समेत नौ जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा, बीकानेर, चूरू, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर और जैसलमेर को छोड़कर लगभग सभी अन्य जिलों में बारिश की संभावना है।

8 और 9 सितंबर को जारी रहेगी बारिश

मौसम विभाग के अनुसार, जोधपुर, बीकानेर, भरतपुर और कोटा संभाग के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश की संभावना है। 8 और 9 सितंबर को उदयपुर, कोटा, अजमेर और जयपुर संभाग के कुछ इलाकों में बारिश जारी रहेगी, इन दो दिनों के दौरान चुनिंदा स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है।

अजमेर में मूसलाधार बारिश

शुक्रवार को अजमेर में मूसलाधार बारिश हुई, जिससे पूरे शहर में भयंकर बाढ़ आ गई। भारी बारिश के कारण सब कुछ रुक गया, जिससे स्कूली बच्चे सड़कों पर फंस गए। फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गईं। अजमेर में आनासागर झील ओवरफ्लो हो गई, जिससे आसपास की सड़कें भर गईं। स्थानीय प्रशासन ने स्थिति को देखते हुए हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। राजसमंद में भी ऐसी ही स्थिति देखने को मिली, जबकि जयपुर में हल्की बारिश हुई। सवाई माधोपुर और करौली जैसे अन्य इलाकों में भी भारी बारिश दर्ज की गई, जिससे संपत्ति और बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान पहुंचा है।