SGB: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड बन गया है पैसे छापने की मशीन, निवेशकों को मिला 'रूफटॉप' 320% रिटर्न

PC: navarashtra

गोल्ड इन्वेस्टर्स के लिए अच्छी खबर है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) 2017-18 सीरीज़ IX, 27 नवंबर, 2025 को मैच्योर होने वाली है। इस सीरीज़ में इन्वेस्टर्स को अब ₹12,484 प्रति ग्राम का रिटर्न मिलेगा, जो ₹2,964 प्रति ग्राम से लगभग 288% ज़्यादा है।

रिज़र्व बैंक ने इस ट्रांच के लिए फ़ाइनल रिडेम्पशन प्राइस ₹12,484 प्रति यूनिट तय किया है। यह प्राइस इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) द्वारा पब्लिश किए गए पिछले तीन दिनों (24, 25 और 26 नवंबर, 2025) में 999 प्योरिटी वाले सोने के एवरेज प्राइस पर आधारित है। यह बॉन्ड उन इन्वेस्टर्स के लिए एक शानदार डील होने वाला है जिन्होंने इसमें इन्वेस्ट किया है।

खास बातें:

डिजिटल और सिक्योर: फिजिकल गोल्ड के उलट, यह चोरी, नुकसान या मिलावट के रिस्क से फ्री है क्योंकि यह एक सरकारी बॉन्ड है।

रेगुलर इनकम: इन बॉन्ड पर हर साल 2.5% का फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट मिलता है, जो सीधे आपके बैंक अकाउंट में जमा हो जाता है।

मार्केट-लिंक्ड: बॉन्ड की वैल्यू सोने की कीमत के साथ बढ़ती है, जिससे आपको कैपिटल गेन कमाने का मौका मिलता है।

टैक्स बेनिफिट्स: अगर आप बॉन्ड को मैच्योरिटी तक रखते हैं तो कमाए गए कैपिटल गेन पर कोई टैक्स नहीं लगता है।

8-साल का टेनर: बॉन्ड का मैच्योरिटी पीरियड 8 साल का है, जिसमें 5 साल बाद एग्जिट करने का ऑप्शन है।

आसान इन्वेस्टमेंट: आप बैंक या ब्रोकर के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से आसानी से खरीद सकते हैं।

8 साल में पैसा तीन गुना हो जाता है।

जब यह बॉन्ड 2017 में जारी किया गया था, तो इसका इश्यू प्राइस सिर्फ ₹2,964 प्रति ग्राम था। इस हिसाब से, इन्वेस्टर्स को प्रति यूनिट लगभग ₹9,520 का प्रॉफिट हो रहा है, यानी आपका पैसा 8 साल में तीन गुना हो गया है। 2.5% सालाना ब्याज जोड़ने से रिटर्न और बढ़ जाता है।

पूरा बॉन्ड अमाउंट आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो जाता है

इन्वेस्टर्स को मैच्योरिटी डेट पर कोई फॉर्मैलिटी पूरी करने की ज़रूरत नहीं है। पूरा बॉन्ड अमाउंट और फाइनल ब्याज इंस्टॉलमेंट सीधे उनके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। जो लोग डीमैट फॉर्म में बॉन्ड रखते हैं, उन्हें पेमेंट उनकी डिपॉजिटरी के ज़रिए मिलेगा।

SGB स्कीम क्या है?

भारत सरकार ने यह स्कीम देश में सोने की डिमांड कम करने और लोगों को फिजिकल सोना खरीदने के बजाय एक सुरक्षित फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट देने के लिए शुरू की थी। ये बॉन्ड 8 साल के समय के लिए जारी किए जाते हैं, लेकिन 5 साल बाद एग्जिट करने का ऑप्शन होता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर 2.5% सालाना ब्याज भी मिलता है, जो हर 6 महीने में आपके बैंक अकाउंट में क्रेडिट हो जाता है।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर टैक्स कैसे लगता है?

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर मिलने वाला 2.5% ब्याज टैक्सेबल है, लेकिन जब इन्वेस्टर RBI के ज़रिए बॉन्ड रिडीम करता है, तो कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगता है। अगर कोई इन्वेस्टर एक्सचेंज पर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड बेचकर कैपिटल गेन कमाता है, तो उसे इंडेक्सेशन बेनिफिट्स मिलते हैं।